संवाददाता
बहेड़ी।नगर पालिका की हिटलरी कार्रवाई ने बहेड़ी के बाज़ार की खूबसूरती उजाड़ दी.दुकानों पर लगे सन शेड बुलडोज़र से नोच डाले. पुलिस की मौजूदगी में हुई इस कार्रवाई का कुछ दुकानदारों ने हल्का-फुल्का विरोध किया,मगर उनको धमका दिया गया.व्यापार मंडल और नगर पालिका के सभासदों ने भी इस कार्रवाई का कोई विरोध नहीं किया,अलबत्ता अब विरोध की रस्म अदा की जा रही है.
बहेड़ी शहर का मेन बाज़ार नैनीताल रोड के दोनों तरफ बसा है.हालाँकि बाई पास बन जाने के बाद इस सड़क पर बड़े वाहन नहीं आते,लेकिन बाज़ार में अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है.जाम लगने के पीछे वजहें तो कई हैं,लेकिन दुकानों के आगे हुए अतिक्रमण को इसकी एक वजह मान लिया जाता है,और अक्सर अतिक्रमण हटाने के नाम पर नगर पालिका प्रशासन दुकानों के आगे तोड़-फोड़ अभियान चलाती रहती है.
पिछले दिनों नगर पालिका ने अचानक शहर में अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू कर दिया.दुकानों के आगे हुए अतिक्रमण को हटाने के साथ-साथ दुकानों के सन शेड भी बुलडोज़र से नोच लिए गए.नगर पालिका प्रशासन की इस कार्रवाई में दुकानों पर लगे हुए कीमती बोर्ड भी तोड़ दिए गए.पूरा शहर उजाड़ सा बदसूरत नज़र आ रहा है.धूप से बचने के लिए बड़े-बड़े शोरूमों पर फट्टे लटकाए गए हैं.ल शायद नगर पालिका प्रशासन के साथ -साथ पुलिस प्रशासन को भी ये नज़ारा अच्छा लग रहा है.
तो क्या सन शेड भी है अतिक्रमण !
बहेड़ी में अतिक्रमण का आज तक कोई पैमाना तय ही नहीं हो पाया.दुकानों के आगे बने नाले को नगर पालिका अपनी हद बताती है,लेकिन नाले कैसे ढके जाएंगे,यह नगर पालिका प्रशासन तय नहीं कर पाया है.नाले को खुला छोड़कर क्या कारोबार हो सकता है?इस सवाल पर कभी गौर नहीं हुआ.वास्तविकता यह है कि नाला खुला होने से कोई ग्राहक दुकान पर नाला फांद कर जा सकता है,और ये बच्चों और महिलाओं की जान जाने का हमेशा खतरा बना रहेगा.सारा कूड़ा भी नाले में ही पटेगा.नगर पालिका को दुकानदारों के सहयोग से नालों को ढकने की एक ऐसी कॉमन व्यवस्था करनी चाहिए,ताकि ये समस्या बनने के बजाय,शहर की खूबसूरती का सबब बने, लेकिन कभी इस तरफ गौर ही नहीं हुआ.दुकान के आगे सन शेड,कितना ज़रूरी है,ये बात भी समझने को पालिका प्रशासन तैयार नहीं.बारिश आने पर दुकान के अंदर का माल भीगने या फिर राहगीरों के बारिश से बचाव को उसका सहारा लेने जैसी ज़रूरत पर कोई गौर नहीं करता?सन शेड जाम की वजह कैसे है,या फिर ये अतिक्रमण किस तरह से है?इन सवालों से पालिका प्रशासन को कोई लेना-देना नहीं.
व्यापार मण्डल बना रहा तमाशाई
पालिका प्रशासन की इस बार हुई तोड़-फोड़ की कार्रवाई को व्यापार मंडल भी देखता भर रह गया. कुछ दुकानदारों ने विरोध किया,लेकिन उनकी सुनी नहीं गई.तबाही देख दुकानदार खुद ही अपना सन शेड और समान हटाने लगे.पूरा शहर उजाड़ हो जाने के बाद अब व्यापार मण्डल प्रशासनिक अफसरों से अपनी शिकायत दर्ज कर रहा है,लेकिन अब तक कुछ होता नज़र नहीं आ रहा.
सभासद भी देखते रहे मार्केट का उजाड़ना
यूँ तो बहेड़ी नगर पालिका के सभासद तमाम जनहित के मुद्दों को उठाते रहते हैं,और चेयरमैन के सामने एक मज़बूत विरोध का एहसास भी कराते रहते हैं,लेकिन नगर पालिका के अंदर ही शहर को उजाड़ बनाने का ये फैसला हो गया,और उनको खबर भी नहीं लगी.नगर पालिका का अमला जब ये अभियान चला रहा था,तब भी वह सामने नहीं आए.
शहर में जाम लगता क्यों है !
शहर में जाम लगने को लेकर तमाम बार व्यापार मंडल,जनप्रतिनिधि और सरकारी अमला सिर जोड़कर बैठा,लेकिन कभी हल नहीं निकला.हालाँकि इस बात में कोई शक नहीं कि कुछ दुकानदार दुकान के बाहर माल लगाते हैं,और दुकानों के आगे अतिक्रमण भी कर लेते हैं.अतिक्रमण हटाने के दौरान इन दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई होती है,लेकिन कुछ दिन बाद ही ये पुराने ढर्रे पर लौट आते हैं.इनकी हरकतों की वजह से सभी दुकानदार बदनाम होते हैं,और कुछ को इनकी वजह से अपना सामान भी बाहर तक फैलाना पड़ता है,लेकिन जाम की असल वजह सड़क का कम चौड़ा होना,और दूसरे बिजली के खम्बों का सड़क किनारे लगा होना है.बिजली के पोल अगर शिफ्ट हो जाएं,तो सड़क काफी चौड़ी हो जाएगी.सड़क को चौड़ा किए बिना डिवाइडर का बनना भी जाम की एक अहम वजह बना है.