बलिया की गिनिज रिकार्डधारी एवं “पुण्यं फाउंडेशन” की फाउंडर डॉ. नेहा सिंह को हिन्दी साहित्य क्षेत्र में “विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान” से सम्मानित किया गया |
पं. दीनदयाल उपाध्याय हिन्दी विद्यापीठ, वृन्दावन धाम मथुरा (उ.प्र.) द्वारा “विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान” से बलिया की गिनिज रिकार्डधारी एवं “पुण्यं फाउंडेशन” की फाउंडर डॉ. नेहा सिंह को उनके आठ हिन्दी पुस्तकों के लिए सम्मानित किया गया |
पं. दीनदयाल उपाध्याय हिन्दी विद्यापीठ, वृन्दावन धाम मथुरा (उ.प्र.) द्वारा “विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान” द्वारा भारत के विभिन्न प्रदेशों के हिन्दी साहित्य में अपना योगदान देने वाले लेखकों, साहित्यकारों व कवियों को सम्मानित किया | ऐसे में बलिया की मूलनिवासी डॉ. नेहा द्वारा हिन्दी भाषा में लिखित; “राम नाम शास्त्र है”, “जीवन दर्शन गीता”, “कामधेनु”, “पंचतत्व” सहित उनकी आठ किताबों के लिए सम्मानित किया गया |
बलिया जिले से जुड़े अनेकानेक हिन्दी साहित्यकारों व कवियों से प्रेरित होकर इस क्षेत्र में अधिक काम करना और हिन्दी भाषा को आगे बढ़ाते रहना डॉ नेहा सिंह का अपनी ओर से एक छोटा सा प्रयास है | उनका मानना है कि बलिया जिले का नाम हमेशा से हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में गौरवपूर्ण स्थान रहा है । प्रसिद्ध आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, केदारनाथ सिंह, जगदीश ओझा ”सुन्दर” , दूधनाथ सिंह, सन्त शिवाराम जी, देवकी नन्दन जी, गंगाधर शास्त्री, बुलाकीदास, जय कृष्ण दास, पं. परशुराम चतुर्वेदी, पं. बलदेव उपाध्याय, दुर्गा प्रसाद गुप्त, अमरकान्त जी, डॉ.शिवद्त्त ”सुमित्र” सहित अनेकानेक साहित्यकारों तथा कवियों की जन्मभूमि – कर्मभूमि बलिया रही है ।
इस भव्य आयोजन में मुख्य अतिथि : पद्मश्री माननीय डॉ. अरविन्द कुमार जी, पूर्व कुलपति, रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी, विशिष्ट अतिथि : माननीया डॉ. स्वर्णलता पांचाल जी रिसर्च सांइटिस्ट, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली, अध्यक्षता : माननीय डॉ. इन्दु भूषण मिश्रा जी कुलपति, पं. दीनदयाल उपाध्याय हिन्दी विद्यापीठ, मुख्य वक्ता : माननीय सुश्री दीपा मिश्रा जी, सुप्रसिद्ध कथा – वाचिका वृन्दावन धाम, मथुरा, विशिष्ट सानिध्य : माननीय डॉ. विश्वनाथ पाणिग्रहि जी, राष्ट्रीय पर्यावरणविद एवं वर्ल्ड रिकॉर्ड धारी, बागबाहरा जिला महासमुंद (छत्तीसगढ़) इत्यादि विद्वतजनों के पावन सानिध्य में सम्पन्न हुआ।