नेपरविले में हुआ 4 दिवसीय भारतीय अमेरिकी व्यापार मेले का आयोजन

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  • अजित सिंह व डीट्राइबल्स फाउंडेशन के संयुक्त प्रयासों से आयोजित भारतीय अमेरिकी व्यापार मेले में विभिन्न भारतीय कलाकृतियों, हथकरघा उत्पादों, हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्तुओं की विस्तृत श्रृंखला को किया गया प्रदर्शित
  • छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साओ, भारत के महावाणिज्य दूत सोमनाथ घोष, राष्ट्रीय भारत हथकरघा संवर्धन परिषद हथकरघा की विकास आयुक्त डाक्टर एमबीना सहित अनेकों जानी-मानी हस्तियों ने की मेले में शिरकत

शिकागो, यूएसए। विवेक जैन।
इलिनोइस के नेपरविले मे भारतीय मूल के प्रमुख व्यवसायी और इंडियन अमेरिकन बिजनेस काउंसिल के चेयरमेन अजित सिंह व डीट्राइबल्स फाउंडेशन के संयुक्त प्रयासो से भारत के कारीगरों को अमेरिका में बढ़ावा देने के उद्देश्य से 4 दिवसीय स्वदेशी मेले का भव्य आयोजन किया। भारतीय अमेरिकी व्यापार मेले में विभिन्न भारतीय कलाकृतियों, हथकरघा उत्पादों, हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्तुओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गयी और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया गया। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साओ, भारत के महावाणिज्य दूत सोमनाथ घोष, राष्ट्रीय भारत हथकरघा संवर्धन परिषद की विकास आयुक्त डाक्टर एम बीना, नेपरविले के मेयर स्कॉट वेहरली, कांग्रेसमैन बिल फोस्टर, कांग्रेसमैन राजा कृष्णमूर्ति, शिकागो के एल्डरमैन डेविड मूर, इलिनोइस राज्य की सीनेटर लॉरा एलमैन, ऑरोरा की एल्डरवुमेन श्वेता बैद और ड्यूपेज काउंटी बोर्ड की सदस्य पैटी गुस्टिन सहित कई गणमान्य अतिथियों ने मेले में भाग लिया। पद्मश्री कैलाश खेर को भारतीय स्वदेशी मेले का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया। मेले में भारत के पूर्व प्रधान मंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते आदर्श शास्त्री की उपस्थिति ने इस आयोजन को सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व दिया। मेले में पद्मश्री कैलाश खेर द्वारा प्रस्तुत संगीत, हथकरघा प्रदर्शनी, गरबा और डांडिया नृत्य आदि मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे। डीट्राइबल्स फाउंडेशन की संस्थापक दीपाली सरावगी ने मेले में आने वाले स्वयंसेवकों, प्रायोजकों और आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। अजित सिंह ने बताया कि 4 दिवसीय मेले में 30 हजार से अधिक लोगों ने विजिट किया और 105 से अधिक विक्रेताओं ने भाग लिया। कहा कि वे भविष्य में भी भारतीय और अमेरिकी व्यापार को बढ़ावा देने और दोनों देशों की संस्कृतियों का आदान-प्रदान करने और आपसी भाईचारा बढ़ाने के लिए भविष्य में भी इस प्रकार के मेलों का आयोजन करते रहेंगे। इस अवसर पर भारतीय और अमेरिकी समुदाय के हजारों लोग उपस्थित थे।

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