गोरखपुर/सहजनवा थानाध्यक्ष विशाल उपाध्याय सजनवा में धनउगाही करके अभेद्य कार्य किया जा रहा है जो कि जनहित में एक अभिशाप ही साबित हो रहा है फोन करने पर फोन नहीं उठाया जाता है कोई अप्रिय घटनाओं के घटने के बाद भी अगर कोई जानकारी कैसे दिया जा सकता है सोचनीय एवं विचारणीय तो यह है कि ऐसे पथ भ्रष्ट थानेदार के ऊपर वैधानिक कार्यवही किया जाना बेहद जरूरी है जबकि इनका कार्यकाल पूरा हो चुका है उसके बावजूद अपने रसूख से जिले के अधिकारियों को अपने रसूख के द्वारा अधिकारियों को चढ़ावा चढ़ा कर जिले में जमे हैं क्या यही पुलिस विभाग का नियम कानून है जब की लोकप्रिय मुख्य मंत्री के आदेशों की धज्जियां गोरखपुर पुलिस सरेआम उड़ा रही है जबकि पुलिस विभाग के अधिकारियों से फोन से अवगत कराया गया है अगर पुलिस विभाग तत्काल विशाल उपाध्याय को जिले से ट्रांसफर नहीं किया गया तो लोकप्रिय मुख्य मंत्री के आदेशों की अवहेलना ही साबित होगा जब की वर्तमान सरकार में पुलिस विभाग आप अपने नैतिक कर्तव्यों से विमुख हैं और लाइन आर्डर जीरो ही दिख रहा है मुख्यमंत्री जी अपने पुलिस अधिकारीओ के ऊपर विधिक कार्यवाही करने का आदेश जारी कर जनता की सुख सुविधाओं का आप का ध्यान रखना आप का परम कर्तव्य हैं और तकनीकी कमेटी से जांच करा कर दोषी पुलिस विभाग में पथभ्रष्ट कर्मियों के ऊपर विधिक कार्यवाही किया जाना जन हित में बेहद जरूरी है जब की और सरकारों में कानून व्यवस्था इतना गिरा नहीं था क्या यही है सरकार की सरकारी आदेश
सहजनवा थाना बना दलालों का अड्डा बना
