यादों की लहर एकल हिंदी काव्य-संग्रह का विमोचन

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नारी के सुख- दुख और मान – सम्मान पर मानसी का सारगर्भित विश्लेषण

बिलासपुर, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ कलमकार मंच मस्तूरी, बिलासपुर, के तृतीय वार्षिक सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन मुंगेली के अमर टापू धाम में किया गया। कार्यक्रम में अध्यक्षता डॉक्टर एन. डी. चंद्रा (पूर्व कुलपति बस्तर विश्वविद्यालय) ने की। विशिष्ट अतिथि डॉक्टर एस. डी. बंजारे (प्राध्यापक) छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के प्रदेशाध्यक्ष एवं संस्थापक डॉक्टर किशन टंडन क्रांति थे। इस अवसर पर मंजूलता मेरसा को कलमकार साहित्य श्री अलंकरण 2025 सम्मान पत्र एवं सृजन साझा काव्य-संग्रह प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में डॉक्टर प्यारेलाल आदिले (प्रभारी प्राचार्य जे.बी.डी. कला एवं विज्ञान महाविद्यालय कटघोरा), डॉक्टर पी. आर. कठौतिया (प्रभारी प्राचार्य डभरा कॉलेज), डॉक्टर गुलाबचंद भारद्वाज (विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र एवं प्रभारी प्राचार्य लक्ष्मेश्वर स्नाकोत्तर महाविद्यालय खरौद), छत्तीसगढ़ की पंथी लोक गायिका तारा कुलकर्णी एवं दुर्गा बघेल अध्यक्ष गुरु अमरदास सेवा समिति अमर टापू धाम, मोतीपुर, मुंगेली छत्तीसगढ़ उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में तीन पुस्तकों का विमोचन किया गया। सृजन साझा काव्य-संग्रह (संपादक डॉक्टर किशन टंडन क्रांति) कभी-कभी अभिव्यक्ति संग्रह (डॉक्टर किशन टंडन क्रांति) एवं यादों की लहर कृष्णा मानसी की एकल हिंदी काव्य-संग्रह का विमोचन किया गया जिसमें छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के संरक्षक डॉक्टर गोवर्धन मार्शल एवं कलमकार साहित्य मंच के नव ऊर्जा से ओतप्रोत साहित्यकार उपस्थित रहे एवं कविता पाठ कर श्रोतागण को मंत्र मुग्ध करते हुए सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का संदेश दिया गया।
“यादों की लहर” नामक एकल हिन्दी काव्य-संग्रह में समाज में फैली अच्छाई और बुराई, प्रेम के भावों और अभावों एवं अतीत के खट्टे-मीठे एहसासों को शब्दों में पिरो कर लयबद्ध करने की कोशिशें की गई है। यादों की लहरों में डूब कर कवयित्री के द्वारा अपने मन के भावों को कविता के रूप में प्रस्तुत किया गया है। अंतर्मन के पुकार को ग़ज़लों, गीतों, और कविताओं में प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया है। नारी के सुख और दुख, मान और सम्मान पर प्रकाश डाला है। रिश्तों की अहमियत रिश्तों को खोने का डर और खोए हुए रिश्तों के ग़म में मिले ज़ख्मों का दर्द बयां किया है। जीवन के मुश्किल घड़ी से कैसे बाहर निकले इसके लिए प्रेरणात्मक कविताओं का सृजन किया गया है।

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