मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना के 46 हजार प्रशिक्षणार्थियों को पहली छात्रवृत्ति वितरित करते हुए हो रही है खुशी -कैबिनेट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा
पी वी आनंदपद्मनाभन
मुंबई,
महाराष्ट्र राज्य के कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने आज बताया कि मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना के तहत पंजीकृत 46,000 प्रशिक्षणार्थियों को आज डीबीटी के माध्यम से 42 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। इस योजना के तहत, जुलाई, अगस्त और सितंबर 2024 के महीने में शामिल होने और प्रशिक्षित होनेवाले 46,000 प्रशिक्षणार्थियों को मासिक वजीफे की पहली किस्त का भुगतान किया गया। मंत्री लोढ़ा ने छह प्रशिक्षणार्थि काजल लोंधे, अथर्व मोकल, गौरी देशपांडे, स्वरंगी पवार, रोहित कांबले और सीमा शिंदे को प्रतिनिधिक स्वरूप में विद्यावेतन अदा किया।
मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि कुल 3 लाख 69 हजार 798 प्रशिक्षणार्थियों ने पंजीकरण कराया है और 1 लाख 79 हजार 318 प्रशिक्षणार्थियों को नियुक्त किया गया है। 87, 149 प्रशिक्षुओं का नामांकन किया गया है और 10,586 उद्योगों ने इसके लिए पंजीकरण कराया है। हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक युवा इस कार्यक्रम का लाभ उठाएं। इस योजना के माध्यम से उद्यमियों को ऑन-जॉब प्रशिक्षण प्रदान करके राज्य के युवाओं को रोजगार के योग्य बनाया जाएगा और इससे उम्मीदवारों को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 5,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।”
कैबिनेट मंत्री लोढ़ा ने आज कहा कि यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र में चुनाव आचार संहिता से पहले कौशल विकास विभाग में कोई फाइल प्रलंबित न रहे। उन्होंने कहा कि सभी कार्यों को पूरा करने के बाद कौशल विकास विभाग आचार संहिता से पहले लंबित फाइलों का निपटान करेगा।
आज मंत्री लोढ़ा ने घोषणा की कि जिस तरह राज्य के सभी सरकारी औद्योगिक संस्थाओं में संविधान मंदिर बनाया गया है, उसी तरह मंत्रालय में भी एक संविधान मंदिर बनाया जाएगा। मंत्रालय में त्रिमूर्ति परिसर में संविधान मंदिर का निर्माण किया जाएगा, जो संविधान के मूल्यों को अधिक से अधिक लोगों तक ले जाएगा।
हाल ही में देश और समाज के लिए अमूल्य योगदान देनेवाले महान व्यक्तियों के नाम सरकारी औद्योगिक संस्थाओं को देने का निर्णय लिया गया। 2 सरकारी संस्थानों को छोड़कर, राज्य में किसी भी सरकारी संस्थान का नाम नहीं था। यही कारण है कि यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण था। इस निर्णय का कार्यान्वयन 14 सरकारी औद्योगिक संस्थानों के नामकरण के साथ शुरू हुआ और अब कुल 146 आई. टी. आई. को नामित किया गया है। इन संस्थानों के नाम रखने के लिए नागरिकों से सुझाव मांगे गए थे। शेष 271 आईटीआई के नाम के लिए भी नागरिकों से सुझाव मांगे जा रहे हैं।