अताउर-नसीम और सलीम एक मंच पर,सर सैय्यद के मिशन को आगे बढ़ाने पर दिया ज़ोर

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बहेड़ी में जश्ने सर सैय्यद

-शुऐब-
बहेड़ी। यक़ीनन यह सर सैय्यद से मोहब्बत और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से हासिल तालीम व मैनर्स का ही असर था कि बहेड़ी के तीन धुर विरोधी नेता एक साथ स्टेज पर मौजूद रहे. मौक़ा था एएमयू ओल्ड ब्वायज़ एसोसिएशन की तरफ से आयोजित सर सैय्यद डे सेलिब्रेशन का.
बहेड़ी में रात सर सैय्यद डे सेलिब्रेशन हुआ. इस मौके पर एएमयू ओल्ड बुआयज़ के साथ शहर के तमाम बुद्धिजीवी शामिल हुए. बरेली के मशहूर कोर्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर कलीम चीफ गेस्ट की हैसियत से शामिल हुए. डीजे सुल्तान मालिक गेस्ट ऑफ़ ऑनर के तौर पर शामिल रहे.
बहेड़ी विधायक अताउर रहमान, पूर्व चेयरमैन फ़ौजूल नसीम के पति नसीम अहमद और कांग्रेस नेता सलीम अहमद, तीनो ने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से ही तालीम हासिल की है. तीनों अलग-अलग सियासी पार्टियों से वाबस्ता हैं,और तीनों ही आपस में धुर विरोधी माने जाते हैं, लेकिन आयोजक कमेटी ने तीनों को स्टेज पर जगह दी. प्रोग्राम में शामिल तमाम लोग यह नज़ारा देख हैरतज़दा हुए, लेकिन फिर सभी के मुँह से यह अनायास ही निकला कि यही तो इस यूनिवर्सिटी का कल्चर है.
चीफ गेस्ट डॉक्टर कलीम ने तालीम की अहमियत और सर सैय्यद की सोच को बयान करते हुए छोटे-छोटे स्कूलों में पढ़ने वाले ग़रीब बच्चों की मदद करने की अपील की. डीजे सुल्तान मलिक ने कहा कि यह सही है कि अलीगढ़ यूनिवर्सिटी ने मुसलमानों को तालीम का एक बड़ा और बेहतरीन दिया, लेकिन सर सैय्यद के मिशन को आगे बढ़ाने की ज़रूरत है. विधायक अताउर रहमान ने अपने यूनिवर्सिटी के दिनों को याद करते हुए यूनिवर्सिटी ख़डी करने में सर सैय्यद की सोच-लगन और मेहनत को बयान किया और आज के दौर में तालीम की अहमियत पर ज़ोर दिया. बसपा से विधान सभा के प्रत्याशी रहे नसीम अहमद ने बहेड़ी क्षेत्र में अब तक तालीम के पर्याप्त इंतिज़ाम न होने पर अफ़सोस जताया और इसके लिए जनप्रतिनिधियों और आवाम दोनों को ज़िम्मेदार ठहराया.कांग्रेस से विधान सभा प्रत्याशी रहे सलीम अख्तर ने सर सैय्यद की सोच पैदा करने और ईमानदारी से उस पर अमल करने की बात की. अपने जे एन्ड ए इंस्टिट्यूशन के ज़रिए तालीम की एक शमा जलाने और बहुत जल्द उसको यूनिवर्सिटी तक पहुंचाने का दावा किया. विधान सभा के एक और पूर्व प्रत्याशी नवाब राशिद खां ने छोटे-छोटे स्कूल खोलने की वकालत करते हुए उसके फायदे बताए.एसोसिएट प्रोफेसर निजामुद्दीन खां,डॉक्टर आग़ाज़ मलिक, मोहम्मद इब्राहीम और मोहम्मद अदनान ने भी अपने विचार रखे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रामपुर रज़ा कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर अब्दुल लतीफ़ ने यूनिवर्सिटी की अहमियत और सर सैय्यद की कोशिशों पर बात करते हुए हस्बे हैसियत हर शख्स को तालीम के फरोग पर काम करने की ज़रुरत बताई. इस मौके पर भाषण प्रतियोगिता में पहली पोजीशन लाने वाली ज़हरा फातिमा, दूसरी पोजीशन लाने वाली इनायत तालिब और तीसरी पोजीशन लाने वाली इलमा मंसूरी को पुरुस्कृत किया गया.टॉपर्स स्टूडेंट्स में नावान, मोहम्मद अज़ीम, श्रीषी, अफशा मदनी, ज़ाबिया अदीम और अंज़लना आदि को इनाम दिए गए.
कार्यक्रम में डॉक्टर शहरोज़, डॉक्टर तनवीर, डॉक्टर शाइक, डॉक्टर ज़हीर, डॉक्टर आफ़ताब,डॉक्टर आग़ाज़ मलिक,डॉक्टर तौक़ीर, डॉक्टर सिराज और डॉक्टर फहीम को सम्मानित किया गया.
एजुकेशन के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले रोज़ रो स्कूल के मोईन आरिफ,न्यू इरा के इरफ़ानुल्लाह,वीर्ड एजुकेशन के तौक़ीर हुसैन,जीनियस एकेडमी के हनीफ आज़ाद, एक्सीलेंट कोचिंग के मोहम्मद इज़हार और ग्रेविटी कोचिंग के मोहम्मद एहतिशाम को भी सम्मानित किया गया.एक गर्ल्स कॉलेज बनाने का बीड़ा उठाने वाले नसीम अख्तर को भी सम्मानित किया गया.
इस मौके पर सीनियर अलीग मंज़ूर अहमद, अक़ील अहमद (हकीम जी), शमीम अहमद प्रिन्स, अब्दुल खालिक, अल-वकील, हाफ़िज़ अनवार अहमद, नसीमुर रहमान, नईम अहमद और अफ़ज़ाल अहमद को भी शाल उढाकर सम्मानित किया गया. आर्गेनाइजिंग कमेटी के अलीम पप्पू ने मेहमानों का स्वागत किया और आने वाले साल में अच्छे लेवल पर प्रोग्राम कराने का वादा किया. कार्यक्रम को कराने में अहम भूमिका निभाने वाले सलीम आज़ाद ने संचालन की ज़िम्मेदारी निभाई. आभार कमेटी के सीनियर अलीग जलीस अहमद ने व्यक्त किया.
इसके बाद यूनिवर्सिटी का तराना गाया गया. अलीगेरियंस के साथ तमाम लोगों ने, मेरा चमन, है मेरा चमन, मैं अपने चमन का बुलबुल हूं, गाया, और परम्परागत तरीके से तालियां बजाते हुए तराना ख़त्म किया. इसके बाद डिनर के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ.

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