संवाददाता
बहेड़ी। उर्से शेरी का आग़ाज़ परचम कुशाई के साथ हो गया।जुलूस में खानकाहे शेरिया के तमाम ज़िम्मेदार शामिल हुए।
हज़रत अच्छे मियाँ हुज़ूर का उर्स, उर्से शेरी के नाम से जाना जाता है।10वे उर्स शेरी का आग़ाज़ रात परचम कुशाई के साथ हो गया। जुलूस खानकाह अच्छे मियाँ से शुरू हुआ और शहर के तमाम रास्तों से गुज़रता हुआ वापस खानकाह पंहुचा, जहाँ फातेहा ख्वानी के साथ समापन हुआ। जुलूस में नातो-मनकबत के साथ शहजी मियाँ और अच्छे मियाँ की हयाते ज़िन्दगी और उनकी बुज़ुर्गी पर तफसील से बात की गई।जुलूस के दौरान अमन-ओ-अमान और आपसी भाईचारे के साथ रहने और प्यार-मोहब्बत को आम करने पर ज़ोर दिया गया।
मुजद्दिद अल्फिसानी कमेटी की जानिब से निकाले गए जुलूस में खानकाहे शेरिया के निशात मियाँ, मौलाना फरहान मियाँ,मौलाना साबिर मियाँ,हाफ़िज़ अनवार अहमद शेरी, मौलाना राशिद मिस्बाही,मौलाना वसीम, हाफ़िज़ कैफ,हाफ़िज़ अज़ीम अख्तर,हाफ़िज़ फैज़ान नोमानी,हाफ़िज़ नवाज़ शेरी, सलीम अहमद चंदा (सभासद),तसकील मियाँ और पप्पू भाई आदि शामिल रहे।
बहेड़ी में जुलूस-ए-परचम कुशाई के साथ उर्से शेरी का आग़ाज़
