गोरखपुर। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल “निषाद पार्टी” के 12वें संकल्प दिवस के उपलक्ष्य में जनपद गोरखपुर के सिकटौर मैदान में विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। प्रदेश सरकार में मा० कैबिनेट मंत्री एवं अपना दल (एस) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री आशीष पटेल जी ने मा० कैबिनेट मंत्री उ०प्र० सरकार एवं निषाद पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद जी के साथ मंच साझा कर, उत्तर प्रदेश में मछुआ समाज के आरक्षण की आवाज़ को प्रबल आवाज़ देने का काम किया।
अपना दल (एस) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री उ०प्र० सरकार आशीष पटेल जी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि निषाद पार्टी प्रमुख आपके आरक्षण के मुद्दे पर शांत नहीं बैठने वाले हैं वो प्रदेश कैबिनेट में मछुआ आरक्षण की बुलंद आवाज़ भी हैं, उन्होंने निषाद समाज को आरक्षण के मुद्दे पर नये नारे के साथ चलने पर ज़ोर दिया, और कहा कि निषाद समाज को “लड़ेंगे तो जीतेंगे” को अपना मूलमंत्र मानते हुए आरक्षण की लड़ाई डॉ संजय निषाद जी के नेतृत्व में लड़नी चाहिए।
निषाद पार्टी-राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री उ०प्र० सरकार डॉ संजय निषाद जी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रदेश के सभी जनपदों से आये निषाद/मछुआ समाज के लोगो का मत्स्येंदरनाथ जी की तपोभूमि, गुरु गोरखनाथ की पावन धरा एवं सिंघानु निषाद जी की राजधानी में आपका स्वागत, वंदन अभिवन्दन किया। उन्होंने कहा कि इतनी कड़ाके की ठंड में प्रदेश के सभी जनपदों से अपनी अहम भूमिका निभाने के लिए आये हुए सभी साथियों का स्वागत है।
श्री निषाद जी कहा कि कल रात गोरखपुर में एक नया ट्रेंड चला निषाद पार्टी और निषाद समाज के सभी विरोधी और विभीषण एक हो गये थे, आपको ये जानकर और भी चौंकना होना पड़ेगा कि इन लोगो ने निषाद समाज अपना संकल्प दिवस नहीं बना पाये उसके लिए क़िस्म क़िस्म के हथकंडे अपनाए गये। ये लोग नहीं चाहते थे की आप लोग गुरुगोरक्षनाथ की धरती पर आये, मुझे तो कल रात में एक कॉल आया, तब जाके पता चला कि निषाद समाज के संकल्प दिवस से ये लोग कितना भयभीत है, आपको ये जानकर हैरानी होगी कि हमारे समाज के विभीषण गोरखपुर में कल एक जुट हुए और फिर से हमारे सहयोगी दल को भटकाने की कोशिश कर रहे थे, “कह रहे थे कि संकल्प दिवस को बर्बाद कर दें, डाक्टरवा फिर से कभी संकल्प दिवस बना ना पाए” उन्होंने कहा कि एक हाथी से आये साथी निषाद नेताओं ने कहा कि संकल्प दिवस को पुलिस कार्रवाई करते हुए जगह जगह चेकिंग और बेरिकाडिंग लगवा कर रोक दिया जाए। उन्होंने कहा कि ना जाने कितने हथकंडे इन लोगो ने कल रात में अपनाये गये, कोई ग्राम प्रधान को फ़ोन करके मना कर रहा था कि निषादों को रोको किंतु आप सभी इतनी भारी संख्या में आये हैं, उससे विरोधियों की नींद उड़ गई होगी।
उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकर्ता जानते हैं कि गोरखपुर कैसे आना है, कोई कितना भी जोर लगा लें कार्यकर्ता को पता हैं, उनके भाई उनके बेटे और उनके अगुवा ने गोरखपुर बुलाया है तो जाना ही जाना है, उन्होंने कहा की मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूँ, की जिस दिन मेरे कार्यकताओं पर हल्की सी भी खरोंच आई तो डॉ संजय निषाद को इलाज करना भी आता है, वो भी उसी की भाषा में।
श्री निषाद जी ने कार्यकर्ता को एक सूत्र में पिरोने के लिए नये नारे के साथ जोड़ने के नारा देते हुए कहा कि – मेरा कार्यकर्ता। मेरा अभिमान।। के नारे के तहत आप सभी को आगे बढ़ना होगा, और अपनी पार्टी को खड़ा बड़ा करना होगा।
उन्होंने कहा की सोशल मीडिया पर गोरखपुर व प्रदेश के मछुआ समाज के विभीषणो को निषाद पार्टी के लिए नये-नये भ्रम / बदनाम करने की ज़िम्मेदारी मिली हुई है, विभीषण कहते हैं कि निषाद पार्टी आरक्षण के मुद्दे से भटक गई है, डॉ संजय निषाद सत्ता का सुख भोग रहे है”, मैं हमेशा से चुपचाप सुनता रहता हूँ, किंतु आज मैं आप सभी के सामने स्पष्ट कर देना चाहता हूँ निषाद पार्टी और डॉ संजय आरक्षण के मुद्दे पर अडिग थे, अडिग हैं और अडिग रहेंगे। मछुआ समाज और निषाद पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता जानता है की वो सत्ता का सुख भोग रहे हैं कि नहीं, आज भी उम्र के इस पड़ाव पर वो निषाद/मछुआ समाज के हक़ अधिकार की लड़ाई के लिए सहारनपुर संवैधानिक अधिकार यात्रा निकाले हुए है, इतने दिनों में समाज के नेता जो किसी भी पार्टी में हैं उन्होंने यात्रा से जुड़ने की कोशिश नहीं की है, किंतु ये बात भी सच है असुरों की भाँति यात्रा में व्यवधान डालने की कोशिश ज़रूर की है। आरक्षण का मुद्दा हल करवाने के लिए समाज को एकजुट करने के लिए निकाली गई यात्रा में सभी निषाद समाज के नेताओं से अपील करते हैं, आइये आप सभी यात्रा से जुड़िये एक साथ आरक्षण के मुद्दे पर यात्रा में चलते हैं क्योंकि एकता में विजय है किंतु मछुआ समाज के नेता पूर्व की सरकारों और वर्तमान सरकार को लगातार भ्रमित करते रहते हैं कि अगर आरक्षण का मुद्दा हल हो गया तो डॉ संजय निषाद और निषाद पार्टी इसका श्रेय ले लेगी। जबकि इसके विपरीत पूज्य महाराज मा० मुख्यमंत्री जी मछुआ एससी आरक्षण के मुद्दे को लेकर हमेशा से चिंतित रहे है, उन्होंने कहा कि मा० मुख्यमंत्री जी की पहल पर ही आरजीआई ने स्वीकार किया है कि मछुआ समाज एससी आरक्षण का हक़दार है। किंतु ये जो मछुआ समाज के विभीषण श्रेय का खेल खेल रहे है वो ना खेले आइये सभी लोग एक साथ आरक्षण के मुद्दे पर एकजुटता दिखाकर मछुआ समाज को आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक सुरक्षा दिलाने के लिए मछुआ एससी आरक्षण की माँग को एकसाथ रखे किंतु निषाद पार्टी जानती है कि वो ऐसा नहीं करने वाले क्योंकि “अपनी ढपली और अपना राग” इन लोगो का बंद हो जाएगा। इन लोगो का सुबह शाम और रात का खाना ही निषाद पार्टी का विरोध करने से मिलता है।
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