- जैन धर्म विश्व का सबसे प्राचीन और महान धर्म है इसकी शिक्षाओं को अपने जीवन में अवश्य धारण करें और अन्य लोगों को भी जैन धर्म के बारे में बताये – पूनम जैन
- जैन धर्म की शिक्षाओं के प्रचार व प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाली बबीता जैन ने शिविर के सफल आयोजन के लिए सभी सहयोगियों का जताया आभार
बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन।
बागपत शहर के प्राचीन श्री 1008 अजितनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में 23 मई 2024 से चल रहे साप्ताहिक जैन धार्मिक शिक्षण शिविर का भव्य समापन हो गया। शिविर के अन्तिम दिन शिविर में जैन धर्म की शिक्षा और संस्कार को अर्जित करने आये बच्चों ने जैन धर्म से सम्बन्धित एक से बढ़कर सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। शिविर का आयोजन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर के सोहित शास्त्री द्वारा और बबीता जैन के निर्देशन में किया गया। सोहित शास्त्री ने बताया कि एक सप्ताह तक चले इस शिविर में बच्चों और बड़ो को जैन मंदिर में पूजन का प्रशिक्षण दिया गया और जैन धर्म के सिद्धांतो को पढ़ाया गया। इसके साथ-साथ शिक्षा भाग 1 व 2, छहढ़ाला, इष्टोपदेश आदि की व्याख्या के साथ शिक्षा दी गयी। शिविर के समापन अवसर पर सभी शिविरार्थी बच्चों एवं बड़ो को प्रमाण-पत्र और पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर जैन धर्म के प्रमुख विद्धान पंड़ित हंसराज जैन ने जैन धर्म पर प्रकाश डालते हुए जैन धर्म की महत्ता से अवगत कराया। मयंक मित्तल ने जैन धर्म के सभी लोगों से नियमित रूप से मंदिर में आने और धर्म लाभ उठाने की अपील की। पूनम जैन ने जैन धर्म को विश्व का सबसे प्राचीन और महान धर्म बताते हुए इसकी शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण करने, दूसरे लोगों को जैन धर्म की शिक्षा प्रदान करने और अपना व समाज का उद्धार करने को कहा। जैन धर्म की शिक्षाओं के प्रचार व प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाली बबीता जैन ने शिविर के सफल आयोजन के लिए सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। समापन अवसर पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने बबीता जैन द्वारा जैन धर्म के प्रचार प्रसार में किये जा रहे कार्यो की सराहना की और शिविर के आयोजन के लिए बबीता जैन और उनकी टीम व सोहित शास्त्री का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कामनी जैन, विकास जैन, राजा जैन, पुनीत जैन, विपुल जैन सहित सैंकड़ों श्रद्धालुगण उपस्थित थे।