संवाददाता सुनील पाठक
गोरखपुर, गगहा, सरकार का कृषि विभाग प्रदेश के किसानों को राहत देने के लिए तमाम योजनाएं ला रही है सरकार की मंशा है कि प्रदेश के किसान खुशहाल हो और तरक्की करें लेकिन यह का क्या यहां तो कर्मचारी ही अपनी गलतियों को और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए दूसरे को जिम्मेदार ठहरा देते हैं ऐसा ही एक मामला गोरखपुर के गगहा राजकीय कृषि बीज भंडार मझगवां में विगत 12 वर्षों से एक ही बीज भंडार पर रहकर शिवकुमार पांडे ( प्राइवेट) कर्मचारी ने भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति के पूर्वांचल प्रभारी दिलीप किसान से अभद्रता और अप शब्दों का प्रयोग कर डाला। बस किसान नेता की गलती यही रही होगी की उपलब्ध बीज वितरण के बारे में के बारे में उक्त कर्मचारी से पूछताछ कर दिए। ऐसा ही कुछ मामला कैंपियरगंज स्थित बीज भंडार पर भी देखने को मिल रहा है।अब किसान नेताओं को अगर इतना भी अधिकार नहीं होगा क्षेत्र के किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ कैसे मिलेगा। ऐसे में तो कर्मचारी तो मनमानी करेंगे ही क्योंकि उन्हें किसानों के दर्द से मतलब नहीं उनको अपना जेब गर्म करने से मतलब है और यह गरम जेब का मामला ऊपर तक पहुंचता होगा ऐसी चर्चा है इसलिए ऐसा हो रहा है। अब आप ही सोचिए कृषि बीज भंडार पर दबंगो का क्या काम। अब सवाल यह उठता है कि अगर बीज भंडार कर्मचारी अपने खुद मौजूद रहते तो बात अलग रहती लेकिन यह सरकारी कर्मचारी अपने खुद मौजूद न रहकर अपने वसूली कर्मचारियों को रख लिया है जबकि प्रदेश सरकार का सख्त आदेश है की सरकारी कार्यों में कोई भी प्राइवेट कर्मचारी काम नहीं करेंगे लेकिन इस सरकार के इस आदेश का कोई मतलब ही नहीं है कर्मचारियों को सिर्फ अपने तनख्वाह से मतलब है और सेन्टर पर जाकर समय पास करना है। वही किसान यूनियन लोक शक्ति के पूर्वांचल प्रभारी दिलीप किसान ने माननीय मुख्यमंत्री ,और प्रमुख सचिव, समेत उप जिलाधिकारी बांसगांव, जिलाधिकारी गोरखपुर, मंडल आयुक्त गोरखपुर, कृषि मंत्री, उपनिदेशक गोरखपुर, और को शिकायती पत्र देकर भ्रष्ट सरकारी कर्मचारी, गैर सरकारी कर्मचारियों को हटाने की मांग की है क्योंकि इन कर्मचारियों के हाथों में क्षेत्र का किसान का भला होने वाला नहीं है।उन्होंने यह भी कहा अगर तत्काल इस पर अमल नहीं किया गया तो जल्द ही संगठन धरने पर बैठने का काम करेगा जिसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।