संवाददाता
बहेड़ी।तीन रोज़ा उर्से शेरी पूरी अक़ीदत के साथ मनाया गया.जुलूसे परचम कुशाई के साथ शुरू हुए उर्स के दौरान मुशायरा के साथ ताजुल असफिया कॉन्फ्रेंस हुई.कुल की रस्म के बाद दुआ के साथ उर्स का समापन हुआ.
20 अक्टूबर को बाद नमाज़े ईशा जुलूसे परचम कुशाई निकला.आलिमों ने जुलूस में शामिल लोगों से नबी की सुन्नतों पर अमल करने और अपने पीरो-मुर्शिद के बताए रास्ते पर चलने की अपील की.
21 अक्टूबर को तरहई मुशायरा हुआ.शायरों ने,’रहमते हक़ है,खरीदार तेरे कूचे में’,मिसरे पर अपने कलाम पेश किए.गुलरेज़ बहेडवी,कफील शेरी,चमन बहेडवी,अख्तर मवई,आसिफ शेरी,रिफाकत शेरी,जाबिर रज़ा तहसीनी,यासीनूल क़ादरी,वासिफ सकलैनी,अनवार क़ादरी,सलीक नूरी,अनवार रिज़वी,नासिर शिकोही,यामीन मदारी और फैज़ान नोमानी ने कलाम पेश किए.
22अक्टूबर को ताजुल असफिया कांफ्रेंस हुई,जिसमें मुल्क के हालात में मुसलमानों के इत्तेहाद और उनकी ज़िम्मेदारियों पर आलिमों ने बात की.कहा गया कि नबी के बताए रास्ते पर चलकर ही कामयाबी मुमकिन है.नबी की तालीमातों पर अमल से ही क़ौम की तरक़्क़ी मुमकिन है.आलिमों ने मुल्क में अमन के लिए सूफियों के बताए आपसी भाईचारे को और मजबूत करने की अपील की.
आख़िर में मुल्क में अमन और क़ौम की तरक़्क़ी के लिए दुआ हुई.मौलाना अनवार शेरी ने लोगों से साहिबे उर्स अच्छे मियां साहब के नक़्शे कदम पर चलने की अपील की.
इस मौके पर मुफ़्ती मो आसिफ रजा मुजद्दीदी, साबिर मियां शेरी, अजीम अनवर, मौलाना राशिद, फैजान शेरी, शाह अब्दुल हफीज मियां, मौलाना वज़ाहत मियां, मेराज मियां, फरीद मियां, प्यारे मियां, मुईन मियां, मौलाना नासिर मियां, निशात मियां, सुब्हान मियां, अरशद मियां, जैनुल मियां आदि मौजूद रहे।
आज बाद नमाजे फज्र कुरआन ख्वानी, हल्काए जिक्र, 9 बजे से नात व मनक़बत व तकरीरों का सिलसिला चला। 12 बजे औलियाए किराम के तबर्रुकात की ज़ियारत कराई गई और 1 बजे क़ुल शरीफ की रस्म अदा की गई। उर्स में आने वाले तमाम जायरीनों में लंगर तक़सीम किया गया।
इस मौके पर शाहजी एकेडमी के मंजूर, नदीम, पप्पू, सरताज, हाफिज तौसीफ, अब्सार आढ़ती, एजाज शेरी, शोएब शेरी, तस्लीम,मसरूर,सलीम, वसीम,हाफिज कैफ,इस्लाम चौहान, सलीम चंदा, तशकील मियां, सैयद अफजल GWS, अन्य सभासद आदि मौजूद रहे।