- धाम में देव जाहरवीर गोगाजी, गुरू गोरखनाथ जी, नर्मदेश्वर महादेव जी, माता भद्रकाली जी, बटुक भैरव जी, भगवान शिव, भगवान शनिदेव के दर्शनों से होती है श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूर्ण
- धाम की महंत और आध्यात्मिक गुरू बिन्दुनाथ जी उर्फ सिद्धेश्वरी नाथ जी और धाम के ईष्ट देव जाहरवीर गोगाजी के आशीर्वाद से होता है श्रद्धालुओं के असाध्य रोगों का निवारण
बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन।
बरवाला का देव जाहरवीर गोगाजी धाम जनपद बागपत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में शुमार है। हर वर्ष हजारो लोग अपने असाध्य रोगों के ईलाज और मनोकामना पूर्ण करने के लिए देव जाहरवीर गोगाजी मेडी, गुरू गोरखनाथ जी, नर्मदेश्वर महादेव जी, माता भद्रकाली जी, बटुक भैरव जी, भगवान शिव, भगवान शनिदेव की चमत्कारी मूर्तियों की पूजा अर्चना करते है। मान्यता है कि इस धाम में आने वाला व्यक्ति कभी खाली हाथ नही जाता। धाम की महंत और आध्यात्मिक गुरू बिन्दुनाथ जी उर्फ सिद्धेश्वरी नाथ जी और धाम के ईष्ट देव जाहरवीर गोगाजी के आशीर्वाद से श्रद्धालुओं की सभी समस्याओं और उनके असाध्य रोगों का निवारण होता है। धाम में प्रतिवर्ष 13 अगस्त को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें देशभर के विभिन्न राज्यों से सैंकड़ो की संख्या में साधु-संत भाग लेते है। इस धाम में हर महीने की चौदस को भंडारे का आयोजन किया जाता है। इस धाम में प्रतिदिन श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था होती है। धाम की महंत और आध्यात्मिक गुरू सिद्धेश्वरी नाथ जी नाथ सम्प्रदाय से जुड़ी हुई है। उनकी बचपन से ही देव जाहरवीर गोगाजी और नीलकंठ महादेव में गहन आस्था रही है और अधिकांश समय इनकी साधना में ही व्यतीत करती है। देव जाहरवीर गोगाजी के कहने पर ही उन्होंने इस धाम का निर्माण करवाया। इस धाम में एक गौशाला भी है, जिसमें श्रद्धालुगण गायों की सेवा करते है। देव जाहरवीर गोगाजी धाम सामाजिक कार्यो में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। कोरोनाकाल में गुरू बिन्दुनाथ जी उर्फ सिद्धेश्वरी नाथ जी ने लोगों की सहायता करने मे बढ़-चढ़कर भाग लिया और लोगों को हर सम्भव सहायता प्रदान की।