मनुष्य का समर्पण भाव ही गोविंद के करीब ले जाता है:मधुर गोपाल दास शास्त्री

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बहेड़ी में चल रही श्रीमद भागवत कथा

संवाददाता
बहेड़ी।मशहूर कथा व्यास पंडित मधुर गोपाल दास शास्त्री ने कहा कि गोविंद जब प्रसन्न होते हैं,तो भोंदू जैसे ग्वाले के सखा बन जाते हैं,और वेदों का ज्ञान बांटने वाले उनके माध्यम से ही गोविंद का दर्शन कर पाते हैं.गोविंद को हासिल करने के लिए मनुष्य का समर्पण भाव महत्व रखता है.
शास्त्री जी यहां आयोजित कथा में श्रोताओं को कन्हैया की लीलाओं का रसपान करा रहे थे.भोंदू और गुरु जी के वरणान्त को सुनाते हुए उन्होंने बताया कि कन्हैया,भोंदू जैसे सीधे-साधे ग्वाले को अपना सखा मान लेते हैं,और उसकी रोटियां तक खा लेते हैं,और भोंदू के गुरु की कन्हैया का दर्शन पाने की अभिलाषा भी भोंदू के माध्यम से पूरी कर देते हैं.
कथा के दौरान आज कंस वध का भी बेहद रोचक अंदाज़ में वर्णन हुआ.कथा सुनने को काफी संख्या में श्रोता जमा हुए.
प्रसाद वितरण के साथ कथा का समापन हुआ.कथा के आयोजन में भक्त-भक्ति समिति के मिथलेश कुमार श्रीवास्तव,रमेश कुमार सिंह,अवधेश सक्सेना,गोपाल जी,अजय कुमार सिंह,मंगनी मिश्रा,सोमपाल सिंह,शालू चौधरी,प्रदीप चौधरी,चौधरी अतर सिंह,चौधरी रामेंद्र सिंह आदि ने श्रोताओं की सेवा में अहम भूमिका निभाई.

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