ग्राम पंचायत सिपौवा के प्राथमिक विद्यालय गुलौर का मामला
कोरांव प्रयागराज। शासन की ओर से परिषदीय विद्यालयों के लिए एक शासनादेश जारी किया गया है। जिसमें यह कहा गया है कि जिन विद्यालयों में 50 से कम नामांकन होंगे उन विद्यालयों को नजदीकी विद्यालयों से संबद्ध करते हुए समायोजित कर दिया जाएगा। इसी शासनादेश को लेकर ग्राम पंचायत सिपौवा के प्राथमिक विद्यालय गुलौर में बुधवार को दोपहर 12 बजे करीब विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक आहूत हुई। बैठक में समिति के सदस्यों द्वारा यह निर्णय लिया गया कि यह विद्यालय अति पिछड़े क्षेत्र में है इस विद्यालय से अन्य विद्यालयों की दूरी 2 से 3 किलोमीटर है। ऐसे में बच्चों को स्कूल जाने में असुविधाएं होंगी। ज्ञातब्य हो कि प्राथमिक विद्यालय गुलौर में कुल 48 बच्चे नामांकित हैं। इस विद्यालय को कंपोजिट विद्यालय सिपौवा से समायोजित करने का आदेश पारित हो चुका है। जिसके विरोध में विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों समेत अभिभावकों ने बैठक कर विद्यालय को समायोजित न करने की बात कही है। बताया है कि जिस विद्यालय से स्कूल को समायोजित किया जा रहा है। उस विद्यालय की दूरी 2 से 3 किलोमीटर है। ऐसे में गुलौर मजरे के बच्चों को वहां तक जाने में काफी कठिनाइयां होंगी। ग्रामीणों ने विद्यालय का संचालन पूर्ववत कराए जाने की मांग की है। प्रबंध समिति की बैठक में इंचार्ज प्रधानाध्यापक पुष्पराज सिंह व सहायक अध्यापिका भी मौजूद रहीं। इंचार्ज प्रधानाध्यापक के द्वारा ग्रामीणों के प्रस्ताव को खंड शिक्षा अधिकारी को प्रेषित कर दिया गया है। इंचार्ज प्रधानाध्यापक पुष्पराज सिंह ने बताया है कि गुलौर मजरे की भौगोलिक स्थिति ठीक नहीं है। यह तीन तरफ से नालों से घिरा हुआ है। जिससे बच्चों को स्कूल आने-जाने में दिक्कतें होंगी। B.A न्यूज़ उत्तर प्रदेश क्राइम संवाददाता दीपक कुमार