बाबली के जैन मन्दिर में विराजित है भगवान शांतिनाथ की दिव्य प्रतिमा
- मान्यताओं के अनुसार बाबली के जैन मन्दिर विराजित जैन धर्म के 16 वें तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ जी की प्रतिमा में है आलौकिक शक्तियों का वास
- इस जैन मन्दिर में विराजित भगवान पार्श्वनाथ, भगवान सुव्रतनाथ और भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमाओं को भी माना जाता है अतिशयकारी
बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन।
जनपद बागपत के बाबली गांव में जैनियों का अति प्राचीन भगवान शांतिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर स्थित है। इस मन्दिर में विराजित जैन धर्म के 16वें तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ जी की प्रतिमा को बहुत ही दिव्य और अतिशयकारी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस प्रतिमा में आलौकिक शक्तियों का वास है। हर वर्ष हजारों लोग इस मंदिर में आकर भगवान शांतिनाथ जी के दर्शन करते है और अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए प्रार्थना करते है। मंदिर के कोषाध्यक्ष 92 वर्षीय शिखर चन्द जैन बताते है कि इस मंदिर में जो भी व्यक्ति सच्चे मन से आता है वह कभी खाली हाथ नही जाता है। शिखर चन्द जैन ने बताया कि भगवान शांतिनाथ जी के साथ-साथ इस मन्दिर में भगवान पार्श्वनाथ, भगवान सुव्रतनाथ और भगवान महावीर स्वामी जी की बहुत सुन्दर वेदियां है और यह सब भी चमत्कारी है। बताया कि लगभग 90 वर्ष पूर्व इस गांव में जैनियों के 50 से 60 मकान थे उससे पूर्व की उनको जानकारी नही है। वर्तमान में इस गांव में जैनियों के 25 से 26 मकान है। मंदिर के प्रधान सतेन्द्र जैन ने बताया कि हर वर्ष इस मंदिर में दसलक्षण पर्व, वार्षिक रथयात्रा, मंदिर में स्थापित सभी वेदियों के मोक्ष कल्याणक बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाये जाते है। मंदिर के मंत्री पंकज जैन ने बताया कि इस गांव में हर धर्म के मानने वाले लोग बड़े ही भाईचारे के साथ रहते है और एक दूसरे के त्यौहारों में बढ-चढ़कर भाग लेते है।