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बहेड़ी में चल रही श्रीमद भागवत कथा का तीसरा दिन
संवाददाता
बहेड़ी।मशहूर कथा व्यास पंडित मधुर गोपाल दा शास्त्री ने कहा कि मनुष्य के दुःख सिर्फ गोविंद ही दूर करता है.जीवन में कोई भी कष्ट आने पर मनुष्य गोविंद के चरणों में गिरता है,लेकिन सुख
में गोविंद को याद नहीं करता.मनुष्य यदि सुख-दुःख देखे बिना नियमित तौर पर भगवान का भजन करता रहे,तो दुःख का सामना करना ही नहीं पड़ेगा.
पंडित मधुर गोपाल दास शास्त्री यहां आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन श्रोताओं से रु-ब-रु थे.मां कुन्ती का उल्लेख करते हुए शास्त्री जी ने बताया कि जीव के अंदर भी गोविंद है,और बाहर भी गोविंद है.उन्होंने कहा कि भगवान दिखाई नहीं देता,लेकिन भक्त अगर उसकी चरण वंदना में सच्चे मन से लग जाए,और उसे पाने की लौ लगा ले,तो भगवान ऐसे भक्तों को दर्शन भी देते हैं.उन्होंने मनुष्य के भाव का ज़िक्र करते हुए धन्ना और गुरु जी का व्रतांत भी सुनाया.उन्होंने बताया कि धन्ना की ईश्वर के प्रति अटूट आस्था के चलते भगवन उसकी गाएं चरा रहे थे,और गुरु जी को भगवान के दर्शन नहीं हो रहे थे,लेकिन धन्ना के हट पर भगवान ने गुरु जी को भी दर्शन दिए,लेकिन धन्ना को इस बात पर अहंकार नहीं हुआ,बल्कि उसने गुरु जी को यह कहते हुए उनके अनुरूप सम्मान दिया कि भगवान से मिलवाने वाले तो आप ही हैं.
भक्त-भक्ति समिति की ओर से आयोजित कथा में आज बड़ी संख्या में श्रोताओं ने भागवत कथा का रसपान किया.आरती और फिर प्रसाद वितरण के साथ आज की कथा का समापन हुआ.