बिजनौर प्राइमरी स्कूल द्वितीय में भरा गंदा पानी
19 सितंबर ,बिजनौर ,लखनऊ ।
राजधानी लखनऊ के सरोजिनी नगर तहसील अंतर्गत बिजनौर स्कूल में गंदा पानी भरा हुआ है। सरोजिनी नगर तहसील मुख्यालय से डेढ़ किलोमीटर दूरी पर स्थित सरवन नगर बिजनौर के बिजनौर प्राइमरी स्कूल द्वितीय की हालात इतनी खराब है कि आप खुद ही देख सकते हैं, इसके सामने से ही एसडीएम, तहसीलदार सरोजिनी नगर मुख्यालय आते जाते हैं। राजधानी लखनऊ नगर निगम जोन 8 के अंतर्गत आने वाले बिजनौर कस्बे का यह प्राइमरी स्कूल द्वितीय के नाम से जाना जाता है। लगभग डेढ़ सौ छात्रों का भविष्य इसी विद्यालय के भरोसे है। शिक्षण कार्य हो रहा है शिक्षिकाएं तो अपनी कारों और स्कूटी गाड़ियों से अंदर तक चली जाती हैं लेकिन अभिभावक और छोटे-छोटे बच्चे पैदल गंदे पानी में चलकर विद्यालय आने और जाने को मजबूर हैं। जहां सरकार तमाम स्वास्थ्य ,स्वच्छता के दावे करती है। स्कूल चलो अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सर्व शिक्षा अभियान क्या केवल दीवारों पर लिखने से हो जाता है ? प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों और अभिभावकों की यह समस्या किसी को क्यों नहीं दिखाई देती। नगर निगम ,जलकल विभाग को, स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि विधायक को इस समस्या के निदान के लिए कहने को बताते है। महिला एवं बाल कल्याण , बाल विकास विभाग के लिए नियोजित तमाम संस्थाएं और जिम्मेदारों को यह समस्या क्यों नहीं बेचैन करती? बच्चे ही देश का भविष्य और बच्चों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ की जिम्मेदारी आखिर किसकी तय होगी? उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के प्राइमरी स्कूल का जब यह हाल है तो सुदूर क्षेत्र जनपदों के प्राइमरी स्कूलों का हाल क्या होगा ?सरवन नगर बिजनौर हनुमान मंदिर के बगल में स्थित यह प्राइमरी स्कूल देखने के बाद सरकारी बाल विकास, प्राइमरी शिक्षा, मॉडल स्कूल के तमाम दावे धराशाई हो जाते हैं। यहां के गंदा पानी भरा होने की सूचना जोन 8 नगर निगम को स्थानीय पार्षद को कई बार दी जा चुकी हैं। सरकारी कर्मचारी निरीक्षण तो करते हैं लेकिन कभी मशीन खराब होने का बहाना कभी कार्य योजना बनाने की तैयारी का बहाना बता कर बात आई गई हो जाती है। तत्काल सरकारी काम जैसे कहीं अटक जाता है । स्कूल में गंदे पानी के भरा होने की जानकारी प्राथमिक शिक्षा क्षेत्र के जिले के उच्च अधिकारियों को कई बार प्रधान अध्यापिका द्वारा लिखित दी जा चुकी है। सरोजिनी नगर को नंबर एक विधानसभा बनाने के लिए प्रयत्नशील विधायक जी के यहां भी सूचना भेजी जा चुकी है। प्रधान अध्यापिका शिप्रा श्रीवास्तव के माध्यम से जलकल, नगर निगम, सबको सूचित किया जा चुका है। राकेश सुरेश दिनेश आदि अभिभावकों का कहना है कि आज सुबह से नगर निगम से लेकर कई जगहों पर सूचना दी गई किंतु विद्यालय बंद होने तक कोई कार्यवाही ना हुई। सरकारी विभागों ने सरकार को बदनाम करने की नीयत से इस ओर ध्यान नही दिया जा रहा। गरीब बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा, के साथ जिम्मेदार विभागीय अधिकारी लापरवाही कर खिलवाड़ कर रहे हैं। गरीब का ही बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़ता है, वह आज इस गंदगी के माहौल में शिक्षा पाने के लिए आने-जाने को मजबूर है। बरसाती पानी में आने जाने की वजह से कई बच्चे बीमार भी हो चुके हैं। जहां सरकार की ओर से संक्रामक रोगों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग को बरसात से पहले तमाम बजट दिया जाता है। यहां कभी कोई बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने वाला नहीं है। स्वास्थ्य सुरक्षा स्वच्छता का नगर निगम का अभियान विशेष क्षेत्र में ही चलता है। अभिभावकों में अपने बच्चों को शिक्षा के लिए मजबूर होकर गंदे पानी में चलते देख कर भारी आक्रोश है।