उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग का सरकारी नंबर आखिर क्यों नहीं लगता।

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बीएसएनएल कंपनी का फॉल्ट,या फिर पुलिस विभाग की कोई चाल।

दीपक कुमार विश्वकर्मा

उत्तर प्रदेश में जितने भी पुलिस थाने बनाए गए हैं,उनमें से अधिकतर सरकारी नंबर रिस्पॉन्स नहीं करते है।

जिससे अपराधियों को अपराध करने का पूरा टाइम मिल जाता है। इसका मुख्य कारण सरकारी नंबर है।

जितने भी पुलिस थाने बनाए गए हैं,सबको सरकारी खर्चे पर एक सरकारी नंबर दिया गया है, जनता की समस्या को सुनने के लिए।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर, प्रदेश के अधिकतर जिलों में यही हाल है।

नेटवर्क ना आने का बहाना है, या फिर अपनी जिम्मेदारियों से बचने का कोई शातिर चाल।

उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग का सरकारी नंबर आखिर क्यों नहीं लगता।

बीएसएनएल कंपनी का फॉल्ट,या फिर पुलिस विभाग की कोई चाल।

दीपक कुमार विश्वकर्मा

उत्तर प्रदेश में जितने भी पुलिस थाने बनाए गए हैं,उनमें से अधिकतर सरकारी नंबर रिस्पॉन्स नहीं करते है।

जिससे अपराधियों को अपराध करने का पूरा टाइम मिल जाता है। इसका मुख्य कारण सरकारी नंबर है।

जितने भी पुलिस थाने बनाए गए हैं,सबको सरकारी खर्चे पर एक सरकारी नंबर दिया गया है, जनता की समस्या को सुनने के लिए।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर, प्रदेश के अधिकतर जिलों में यही हाल है।

नेटवर्क ना आने का बहाना है, या फिर अपनी जिम्मेदारियों से बचने का कोई शातिर चाल।

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