दुःख में डूबा प्रयागराज, एक उत्कृष्ट समाजसेवी का हुआ निधन
प्रयागराज। एक वरिष्ठ समाजसेवी , उत्कृष्ठ वक्ता, विद्वान, डॉक्टर,और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में
अहम भूमिका निभाने वाले,और लोकसेवा आयोग उत्तर प्रदेश में
एक गासेस्टेड अधिकारी के रूप में अपनी भूमिका निभाते रहे,ग्राम फतेहपुर पोस्ट मंसुराबा द,प्रयागराज के निवासी श्री श्याम कुमार श्रीवास्तव (श्याम दादा जी) के नाम से प्रतिष्ठित रहे जिन्होंने अपने ग्राम फतेहपुर में ही नहीं अपितु किसी भी स्थान पर यदि उनकी जानकारी हो जाती थी निशुल्क होमियोपेथिक दवा का वितरण करते थे,और समझ में प्रेम और सत्य की मूर्ति ,और अखंड तपस्वी रहे,और
सबसे प्रमुख बात की कल्यु ग,में सतयुग की सोच रखने के कारण ही आज इनके ब्रह्मलीन होने पर पूरा ग्राम फतेहपुर के सभी लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है।इनका अंतिम संस्कार श्रृंगवेरपुर धाम में संपन्न किया गया जिसमे सैकड़ों ग्राम वासियों ने उनके अंतिम दर्शन किया।
इन्होंने अपने छोटे भाई साहब की मृत्यु के पश्चात आजीवन विवाह नहीं किया और छोटे भाई के पांच बच्चों को देखते हुए उनके भरन पोषण में अपना सम्पूर्ण जीवन लगा दिया जिसमे से एक लड़के को पढ़ा लिखा कर दरोगा बनाने में अहम भूमिका निभाई,और सभी बच्चों को उच्च सिक्सा,प्रदान की।और 89 वर्ष की आयु में भी किसी का कोई सहारा नहीं लिया सभी काम स्वयं करते हुए ईश्वर के परम भक्त और भगवान के प्रिय स्वयं ईश्वर में लीन हो गए।
जिससे पूरा ग्राम शोक में डूबा हुआ है।
रामायण में भगवान राम की चरण पादुका रखकर पूजा करने और लौट कर वापस आने तक राज्य पाठ त्याग देना सुना था और अपने भाई के परिवार के लिए आजीवन ब्रह्मचर्य जीवन यापन करना और सब कुछ त्याग देना आज के समय में एक परम भक्त और तपस्वी ही कर सकते है।इन्होंने श्रृंगवेरपुर धाम में गुफा के अंदर कुछ समय तपस्या भी अपने गुरु महाराज के सानिध्य में की।
ईश्वर ऐसे व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति को वैकुंठ धाम में स्थान प्रदान करें।