बहेड़ी में सपा ने लहराया परचम,बीजेपी पस्त

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बहेड़ी में सपा ने लहराया परचम,बीजेपी पस्त


ज़िला पंचायत के वार्ड 16 का उपचुनाव

ब्यूरो : नागेश गुप्ता

बहेड़ी।ज़िला पंचायत के एक वार्ड में हुए उपचुनाव में सपा ने जीत दर्ज की.चुनाव में बीजेपी के कद्दावर नेता चौधरी आराम सिंह के कैंडिडेट की हार ने एक तरफ बीजेपी में सब कुछ पटरी पर न चलने का इशारा किया है,और बीजेपी संगठन को मंथन के लिए मजबूर किया है,वहीं इस जीत ने I.N.D.I.A. गठबंधन बनने के बाद उत्साहित विपक्ष को बरेली में एनर्जी देने के साथ सपा में विधायक अताउर्रहमान के क़द को बढ़ा दिया है.
ज़िला पंचायत का वार्ड 16 बहेड़ी क्षेत्र में आता है.इस सीट से ज़िला पंचायत सदस्य रहीं नवाब राशिद खां की पत्नी ज़ीनत के निधन के बाद यहाँ उप चुनाव हुआ था.उप चुनाव में बीजेपी ने अपने क़द्दावर नेता और बहेड़ी ब्लॉक के पूर्व प्रमुख चौधरी आराम सिंह के भतीजे की पत्नी शिल्पा चौधरी को अपना कैंडिडेट बनाया,तो सपा ने अपने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इक़बाल सिंह की पत्नी जसविंदर कौर को मैदान में उतारा.आज नतीजे आए,और सपा की जसविंदर कौर विजयी घोषित की गईं.उन्होंने बीजेपी की शिल्पी चौधरी को 1265 वोट से शिकस्त दे दी.

बीजेपी प्रत्याशी के लिए जुटे बड़े-बड़े नेता
लेकिन नहीं दिला पाए कामयाबी

ज़िला पंचायत के वार्ड 16 में हुए उप चुनाव में बड़े-बड़े नेता पूरे दमखम के साथ उतरे.पूर्व केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने पूरी ताकत से शिल्पी चौधरी को चुनाव लड़ाया.जानकारों का मानना है कि चुनाव में बीजेपी की हार के पीछे गंगवार वोट रहे.गंगवार बिरादरी की दीक्षा कुमारी 3964 वोट ले गईं,और पूर्व केंद्रीय मंत्री इन वोटों को बीजेपी प्रत्याशी की तरफ नहीं मोड़ पाए.हाल ही में बसपा से अपनी पत्नी को बहेड़ी नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव लड़ाने वाले बसपा नेता नसीम अहमद ने अपनी पार्टी की प्रत्याशी को नज़रअंदाज़ कर चौधरी आराम सिंह के कैंडी को चुनाव लड़ाया.पूर्व राजस्व मंत्री छत्रपाल सिंह भी पूरी ताकत से मैदान में डटे.दूसरी तरफ सपा विधायक अताउर्रहमान ने चुनाव में पूरी ताकत झोंकी.सपा जिलाध्यक्ष शिवचरण कश्यप अपनी बिरादरी में सपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगने आए.किसान नेता तेजेंदर सिंह विर्क ने सपा प्रत्याशी को इलेक्शन लड़ाने में दिन रात एक किया.

नवाब राशिद रहे बेअसर

ज़िला पंचायत की ये सीट जिन ज़ीनत के निधन से रिक्त हुई थी,उनके पति नवाब राशिद खाँ ने भी बीजेपी प्रत्याशी को चुनाव लड़ाया.हालाँकि ज़ीनत चुनाव आम आदमी पार्टी के झंडे तले जीती थीं,लेकिन ज़िला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में उनका वोट बीजेपी प्रत्याशी के हक़ में गया मन गया,और उस वक़्त ये मुद्दा खूब उठा भी था.नवाब राशिद फिर बीजेपी में नज़र आने लगे थे.उसके बाद विधान सभा चुनाव जब आए,तो नवाब राशिद उत्तराखंड की किच्छा सीट से बसपा से विधानसभा का चुनाव लड़े,लेकिन हार गए.इससे पहले 2017 के विधान सभा चुनाव में वह बहेड़ी विधान सभा से महान दल से चुनाव लड़े थे,और तब भी हार गए थे.इस बार उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को चुनाव लड़ाया,लेकिन बीजेपी प्रत्याशी जीत नहीं पाईं.

फेल हो गया आराम सिंह का मंसूबा

कहा तो ये जा रहा है कि चौधरी आराम सिंह ने अपने इलेक्शन मैनेजमेन्ट से ये पोज़ीशन हासिल कर ली,वरना हालात और खराब होते.आराम सिंह ने पहले तो चुनाव निर्विरोध जीतने के लिए गोटियां बिछाई थीं,लेकिन वह कामयाब नहीं रहे.सूत्र बताते हैं कि बीजेपी के उनकी बिरादरी के ही एक नेता ने उनकी इस प्लानिंग पर पानी फेरने का काम किया.उसी नेता ने इक़बाल सिंह समेत और प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारने के लिए प्रेरित किया.आराम सिंह ने जब चुनाव में खुद को घिरता पाया,तो उन्होंने अपनी पूरी ताकत लगाई,और पार्टी से इतर अपना मैनेजमेंट लगाया,लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए.

सपा में अताउर्रहमान की
पोज़ीशन हुई स्ट्रांग

ज़िला पंचायत के वार्ड 16 के उपचुनाव में सपा को मिली जीत से सपा विधायक अताउर्रहमान का कद बढ़ा.अभी कुछ रोज़ पहले ही सपा संगठन में उनको प्रदेश महासचिव बनाया गया था,और अब उन्होंने इस सीट पर चुनाव जिता कर सपा हाईकमान की नज़र में अपनी पोज़ीशन स्ट्रांग कर ली.

किसको कितने मिले वोट

कलावती -1163
कंवलजीत कौर-26
जसविंदर कौर-8618
दीक्षा कुमारी-3964
रजनी देवी-41
शिल्पी चौधरी-7353
सुषमा चौधरी-32

कुल पड़े मत-21833
खारिज -636

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