बहेड़ी के गन्ना उत्पादक डिग्री कॉलेज के गेट के निर्माण में हुआ था घपला,टीएसी जांच में हुआ खुलासा

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ब्यूरो : नागेश गुप्ता

प्रिंसिपल और मैनेजर समेत दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

बहेड़ी के गन्ना उत्पादक महाविधालय के मेन गेट को बनाने में घपला हुआ था.कॉलेज की प्रबंध समिति ने गेट बनाने वाली फर्म को टेंडर की कीमत से 16 लाख रुपये ज़्यादा भुगतान कर दिया.टीएसी की जांच में इस घपलेबाज़ी का खुलासा हुआ तो कमिश्नर ने इस मामले में तत्कालीन मैनेजर और प्रिंसिपल समेत इस घपले के तमाम जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की संसुति कर दी है.
बहेड़ी के गन्ना उत्पादक महाविधालय में मेन गेट के निर्माण के लिए टेंडर निकाले गए थे.2016 में निकाले गए टेंडर में मेन गेट के निर्माण का स्टीमेट 31.02 लाख का बना था.जागृति इंटरप्राइजेज ने इस काम के लिए 14.35 प्रतिशत बिलो पर टेंडर डालते हुए 26.57 लाख में गेट बनाने को कहा.प्रबंध समिति ने इस फर्म को काम दे दिया.इस फर्म ने दो साल बाद यानि 2018 में काम शुरू किया. आरोप है कि उस वक़्त की प्रबंध समिति के चेयरमैन केंद्र पाल सिंह,कैशियर नरेंद्र सिंह और प्रिंसिपल अखिलेश पांडेय ने फर्म को काम शुरू होने से पहले ही 42.62 लाख रुपये का भुगतान कर दिया,जो टेंडर में दी गई कीमत 26.57 लाख से करीब 16 लाख रुपये ज़्यादा था.
इस मामले में प्रबंध समिति के कुछ सदस्यों ने शिकायत की.इस साल हुई प्रबंध समिति की बैठक में प्रबंध समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी बरेली के सामने कुछ सदस्यों ने फिर ये मामला उठाया,तो डीएम ने इस मामले की जांच ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को सौंप दी.विभाग ने इस मामले में घपला होने की आशंका जताई,तो डीएम ने इसकी जांच टीएसी से कराने की संसुति कर दी.कमिश्नर ने टीएसी जांच के आदेश कर दिए,और टीएसी ने अपनी रिपोर्ट में कॉलेज का में गेट बनने में करीब 16 लाख का घपला होने की बात कही.टीएसी ने इस मामले में निर्माण करने वाली फर्म के मालिक को भी दोषी ठहराया है,ऐसा बताया जा रहा है.

डीएम ने कहा,दोषियों के खिलाफ
होगी कार्रवाई

डीएम,बरेली शिवाकांत द्विवेदी ने इस मामले में पत्रकारों को बताया कि कॉलेज गेट के निर्माण में शिकायत मिलने पर पहले आरईडी और फिर टीएसी से जांच कराई गई थी,जांच में जो दोषी पाए गए हैं,उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

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