बहेड़ी:एआईएमआईएम ने दिखाया जलवा,नगर पालिका में लहरा गया भगवा
संवाददाता
बहेड़ी नगर पालिका परिषद में ‘कमल’ खिलाने में एआईएमआईएम ने सबसे अहम भूमिका निभाई.वैसे तो बीजेपी की मुस्लिम प्रत्याशियों को मज़बूत ज़ाहिर करने की रणनीति पूरी तरह कारगर रही,लेकिन एआईएमआईएम की तरफ से खेले गए मुस्लिम कार्ड ने बीजेपी का रास्ता बिल्कुल आसान कर दिया.
बहेड़ी में एआईएमआईएम पहली बार किसी चुनाव में उतरी थी.एआईएमआईएम के प्रत्याशी ने करीब 4300 वोट हासिल किए,जबकि बीजेपी प्रत्याशी रश्मि जायसवाल ने सपा समर्थित उज़मा रशीद से करीब 2300 वोट से जीत हासिल की..साफ है कि एआईएमआईएम जीत के अंतर से भी 2 हज़ार ज़्यादा वोट ले गई.वैसे यहां चुनाव मैदान में उतरे पांचों प्रत्याशी मज़बूती से चुनाव लड़े.बसपा की फौजुल ने करीब 6100,निर्दलीय ग़ज़ाला सलीक ने 4600 और कांग्रेस की मिन्हाज ने करीब 2800 वोट हासिल किए.दूसरे नम्बर पर रही उज़मा को करीब 8800 वोट मिले.इस तरह पांच मुस्लिम प्रत्याशियों ने 26674 वोट पाए,जबकि बीजेपी की रश्मि जायसवाल 11179 मत पाकर चेयरमैन बन गईं.
दो तिहाई मुस्लिम मतदाताओं वाली बहेड़ी नगर पालिका में भगवा लहराने के पीछे सबसे अहम रोल निभाने वाली एआईएमआईएम ने अपना चुनाव प्रचार मुस्लिम कार्ड खेलते हुए शुरू किया था.नगर पालिका में हरा परचम लहराने की बात उन्होंने अपने चुनाव प्रचार में की.मज़हबी नारे सभाओं और रोड शो में लगाए गए.रिक्शे पर होने वाले प्रचार में कही जा रही इस बात का असर हिन्दू मतदाताओं के धुर्वीकरण का सबब तो बना ही,साथ ही मुस्लिम नौजवानों को बड़ी तादाद में अपने साथ खड़ा करने के साथ अच्छी तादाद में वोट हासिल करने में एआईएमआईएम कामयाब रही.
मुस्लिम प्रत्याशियों के मज़बूती से लड़ने में अहम भूमिका पैसों की रही.कमोबेश सभी प्रत्याशियों ने जी खोलकर पैसा बहाया.घर-घर गिफ्ट बटे, और नोटों की बोरियों के मुंह पूरी तरह से खोल दिए गए.बेहिसाब पैसा बंटा, तो पैसा लेकर लोगों ने वोट भी सभी को दिए.पैसों की वजह से ही वोटर खामोश रहा,और पहले की तरह किसी भी प्रत्याशी की तरफ हवा नहीं बन पाई.
बीजेपी ने इस बार मुस्लिमों को लेकर नई रणनीति बनाई.यह ज़ाहिर किया गया कि बीजेपी का एक धड़ा बीजेपी प्रत्याशी को वोट नही करेगा. कहा गया कि विधान सभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के पति बॉबी जायसवाल ने बीजेपी प्रत्याशी और तत्कालीन राज्यमंत्री छत्रपाल गंगवार की मुखालफत की थी,जिसके चलते बीजेपी प्रत्याशी को वोट नहीं करेगा.इस धड़े के ज़िम्मेदार कहलाने वालों ने सभी मुस्लिम प्रत्याशियों से अलग-अलग बात की,और सभी को अपने धड़े के करीब 4 हज़ार हिन्दू वोट दिलवाने का वादा किया.इस भरोसे के बाद सभी मुस्लिम प्रत्याशी अपने अपने तौर पर पूरी तरह चुनाव में पैसा झोंकते रहे,और दमदारी से लड़ते रहे.बीजेपी की रणनीति थी कि कोई भी मुस्लिम प्रत्याशी कमज़ोर न हो.
कुल मिलाकर सभी मुस्लिम प्रत्याशी पूरी ताकत से चुनाव लड़े,और मतदाताओं को ये एहसास नहीं हो पाया कि कौन भारी है.आखिरी वक्त तक वोटर अपने-अपने प्रत्याशी के साथ डटा रहा,और नतीजा ये हुआ कि मुस्लिम वोट पूरी तरह बंट गया.बस ये स्थिति बीजेपी प्रत्याशी को जीत दिलाने का सबब बन गई.