बरेली : मलेरिया जाँच के लिए प्रशिक्षित की जा रहीं आशा और एएनएम

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ब्यूरो : नागेश गुप्ता

बरेली, 23 फरवरी 2023

जनपद में इस साल जनवरी से अब तक मीरगंज, फतेहगंज, रामनगर और मझगवां में छह मलेरिया पाज़िटिव केस मिले हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बलबीर सिंह का कहना है कि मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत मलेरिया जांच के बारे में आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

डॉ. सिंह ने बताया कि अब तक भमोरा, रामनगर, आंवला और मीरगंज में आशा कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इसके अंतर्गत आशा कार्यकर्ता को रोग नियंत्रण के लिए फीवर स्क्रीनिंग, ब्लड स्क्रीनिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्होंने बताया कि आने वाले महीनों में मलेरिया का प्रकोप बढ़ सकता है। लोगों को भी मलेरिया से निपटने के लिए हर जरूरी प्रबंध करने चाहिए और सतर्क रहना चाहिए |

कैसे होती है यह बीमारी —
डॉ. सिंह के मुताबिक़ मलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो संक्रमित मादा एनोफेलीज मच्छर के काटने से फैलती है। यह मच्छर प्राय: शाम को काटता है। जब यह मच्छर काटता है तो परजीवी रक्त में चला जाता है। कई दिनों के पश्चात यह परजीवी रक्त प्रवाह में प्रवेश करते हैं और लाल रक्त कणिकाओं को संक्रमित करना शुरू कर देते हैं।

मलेरिया के लक्षण-
डॉ. सिंह के मुताबिक़ बुखार आना, सिर दर्द होना, उल्टी होना, मिचली,ठंड लगना, चक्कर आना, थकान होना, पेट दर्द, तेज से सांस लेना आदि मलेरिया के लक्षण हैं। मलेरिया परजीवी पांच प्रकार के होते हैं। प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम, प्लास्मोडियम विवैक्स, प्लास्मोडियम ओवेल, प्लास्मोडियम मलेरिया और प्लास्मोडियम नॉलेसि हैं।

बरतें सावधानी —

  • मच्छरों को घर के अंदर या बाहर पनपने से रोकें। इसके लिए घर व आस-पास साफ़-सफाई रखें।
  • घर के पास की नालियों की सफाई और सड़कों के गड्ढे या पानी जमा होने वाले स्थान को भरवा लें।
  • घर के हर कोने पर समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करवाते रहें।
  • बारिश के मौसम में मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
  • मच्छरदानी लगाकर सोएं।
  • बारिश में घर की छतों पर रखे टूटे-फूटे बर्तन, टायर, कूलर आदि में पानी भर जाता है और इस पानी में मच्छर पनपने लगता है। इसलिए इस दौरान टूटे-फूटे बर्तनों को हटा दें या फिर उन्हें उल्टा रख दें ताकि उसमें पानी नहीं भरा सके।
  • मलेरिया फैलाने वाला मच्छर गंदे पानी में पैदा होता है। घर के आस-पास जहां भी पानी जमा देखें वहां केरोसीन या जला मोबिल आयल छिड़क दें।

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