लखनऊ 02/02/2023 भारत सरकार के वार्षिक बजट पर चर्चा
डॉक्टर फरीदी बिदारी फोरम की एक मीटिंग बर्लिंगटन चौराहा में संपन्न हुई जो भारत सरकार के वार्षिक बजट पर आधारित थी जिसमें भारत सरकार द्वारा अनुदान संख्या-70 अल्पसंख्यक कल्याण के वार्षिक बजट 2023-24 में 38% की कमी पर मायूसी का इजहार किया गया ।
बैठक में फोरम के अध्यक्ष ज़ैद अहमद फारूकी ने बजट पर डिटेल में अपनी बात रखते हुए कहा कि मोदी सरकार के यह बजट ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निराश किया है । और मनमोहन सिंह सरकार के वर्ष 2013-14 अल्पसंख्यक को दिये गए बजट से कम है मनमोहन सिंह सरकार ने वर्ष 2013-14 में अल्पसंख्यक कल्याण को 37 सौ ग्यारह करोड दिये थे । जबकि मौजूदा मोदी सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को 3097 करोड़ दिए है । जो वर्ष 2022-23 के मुकाबले में 38% कबम है । वर्ष 2022-23 में 5020 को दिए थे अल्पसंख्यक कल्याण को जबकि वर्ष 2022-23 में भारत सरकार का टोटल बजट 41.9 करोड़ का था और मौजूदा वर्ष 2023-24 का बजट 45.03 लाख करोड़ का है। जिसके हिसाब से अल्पसंख्यक कल्याण को वर्ष 2023-24 में 10% की बढ़ोतरी के साथ 55 सौ करोड़ मिलने चाहिए थे ।
जिन मुख्य योजनाओं का बजट कम किया गया है-
- प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप बजट में 87% की कमी की गई है ।
- मदरसा शिक्षा में 93% की कमी की गई है ।
- मौलाना आजाद फाउंडेशन को 10 लाख दिए गए हैं ।
- स्किल डेवलपमेंट में सिर्फ 10 लाख रु० दिए गए जबकि वर्ष 2022-23 में इस स्कीम को 100 करोड़ दिए दिए थे ज्ञात हो कि वर्ष 2016-17 में उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार ने सिर्फ उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण को 25 सौ करोड़ रुपए दिए थे ।
बैठक में भारत सरकार से मांग की गई है कि अल्पसंख्यक कल्याण की योजनाओं में जो बजट कम किया गया है उसे अनुपूरक/सप्लीमेंट्री में बढ़ा दिया जाए l
बैठक में मुख्य रूप से-1. तनवीर अहमद सिद्दीकी,2. सिराज आलम आज़मी,3. मोहम्मद हुसैन,4. मोहम्मद खालिद आज़मी नवी,5. जुबेर अहमद खान,6. शम्स तबरेज,7. जे.बी सिंह,8. मुकेश गौतम, व अन्य उपस्थित रहे ।
मिडिया प्रभारी
शम्स तबरेज
मो०-9454674217