हल्द्वानी की बस्ती को तोड़े जाने की कवायद

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सपा के जाँच दल की सीएम से मानवता के आधार पर बस्ती को वैध करने की मांग

उत्तराखंड के शहर हल्द्वानी में करीब 5 हज़ार घर तोड़े जाने की कवायद के बीच हालात जांचने पहुंचे समाजवादी पार्टी के दल ने पाया कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर कार्रवाई करने का जो एलान किया जा रहा है,वह सरासर गलत और मानवीय मूल्यों के बिल्कुल खिलाफ है.जांच दल कल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.
सपा के सांसद एसटी हसन के नेतृत्व में हल्द्वानी गए जांच दल ने आज उन तमाम लोगों से बात की,जिनके घर तोड़े जाने को कहा गया है.जांच दल को उन लोगों ने तमाम कागज़ात भी दिखाए,जिनके चलते वह लोग अपने मकानों पर अपना स्वामित्व बता रहे हैं.जांच दल के अध्यक्ष सांसद एसटी हसन ने बाद में प्रेस के ज़रिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से मानवता के आधार पर इन तमाम मकानों को वैध करने की कार्रवाई करने की मांग की.
दस सदस्यीय जांच दल में शामिल विधायक अताउर्रहमान ने बताया कि इस बस्ती में लोग 100 साल से ज़्यादा वक़्त से रह रहे हैं.एक 65 साल की बुजुर्ग महिला ने बताया कि वह यहां ही पैदा हुई थी.मकानों का निगम टैक्स वसूलता है.निगम ने सीवर लाइन और पानी के ओवर हैड टैंक वहां लगाए हुए हैं.सरकारी स्कूल वहां बने हैं.इस बस्ती में अल्पसंख्यक लोगों के साथ बहुसंख्यक समाज के 15 प्रतिशत लोग रहते हैं,जो वोटर भी हैं.मस्जिदों और मंदिरों के साथ यहां स्कूल भी हैं.
उन्होंने बताया कि लोगों ने बताया कि नगर पालिका से ज़मीन फ्रीहोल्ड कराकर ली गई,और तमाम के पास उनके घरों की रजिस्ट्रियां भी हैं.
जांच दल का कहना है कि मानवीय मूल्य से ऊपर कुछ नहीं होता,और इस ठंड के मौसम में लोगों को खुले आसमान के नीचे ला देना,उनको बेघर करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और मानवता को शर्मसार करने वाला कदम होगा.
जांच दल फिलहाल वहां लोगों को हर तरह की मदद का आश्वासन देकर आया है,और देखना होगा कि जांच रिपोर्ट के बाद समाजवादी पार्टी इस मामले में लोगों की मदद को क्या क़दम उठाती है,फिर भी सपा का इस मामले में जांच दल भेजने का यह कदम काफी देर में उठाया गया है,यह भी चर्चा आम है.

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