खबर (शुऐब)
बहेड़ी।…तो क्या बीजेपी बहेड़ी नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव में फिर नन्दू लाला के परिवार पर ही दांव लगाएगी! बहेड़ी नगर पालिका की सीट के अनारक्षित घोषित होने के बाद से ही शुरू हुए इस बात के क़यास, नन्दू लाला के बेटे के शहर में होर्डिंग्स लगने के बाद मज़बूती पकड़ने लगे हैं.हालाँकि होर्डिंग्स नए साल की शुभकामनाओं भर के हैं,लेकिन इस चुनावी मौसम में इन होर्डिंग्स ने गर्मी ला दी है.
नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव में बीजेपी हर बार अपना प्रत्याशी तो उतार रही है,लेकिन उसको सफलता नहीं मिल रही है.पिछले चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी अजय जायसवाल बॉबी,दूसरे नम्बर पर रहे थे,जबकि 2012 के चुनाव में बीजेपी ने चौधरी ओमवीर सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया था,लेकिन उस बार बीजेपी का प्रदर्शन खास नहीं रहा था. तब भी बीजेपी से बग़ावत कर मैदान में उतरे बॉबी ही दूसरे नम्बर पर रहे थे.
बीजेपी ने बहेड़ी नगर पालिका की चेयरमैन की कुर्सी पर 1988 में कब्ज़ा किया था.उस वक़्त नन्द लाल सरन उर्फ नन्दू लाला चेयरमैन बने थे.हालाँकि नन्दू लाला को बीजेपी ने चुनाव में अपना निशान नहीं दिया था.उस साल बहेड़ी की ये सीट जीतने के बाद बीजेपी की प्रदेश में नगर पालिका चेयरमैन के पद पर इंट्री होने का दावा हुआ था.
अब लगातार हार मिलने के बाद बीजेपी ने बहेड़ी सीट को जीतने के लिए काफी मंथन किया.बताते हैं कि बीजेपी ने इस बार फिर नन्दू लाला के परिवार को ही चुनाव में उतारने का मन बना लिया है.नन्दू लाला के बेटे अतुल गर्ग को प्रत्याशी बनाए जाने का रास्ता साफ करने को सीट अनारक्षित हुई है,ऐसा भी कहा जा रहा है.2012 में बहेड़ी चेयरमैन की सीट अनारक्षित थी,और अब 2022 में फिर सीट अनारक्षित हो जाना इस कहानी को दम देता ही लगता है.
वैसे बीजेपी ने अभी अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है,और दावेदारों में अजय जायसवाल बॉबी,दीप चंद्र पांडे,राहुल गुप्ता और चिंतामणि राठौर आदि हैं,और इनमें से कुछ तो टिकट पाने के लिए अपनी तरफ से पूरा ज़ोर लगाए हुए हैं.इनकी निगाहें सीट के आरक्षण पर लगी थीं,और सीट अनारक्षित होने के प्रबल दावेदारों में बेचैनी बढ़ गई है,और इसके पीछे नन्दू लाला के परिवार के पास टिकट जाने की चर्चा अहम है.
नंदलाल सरन के परिवार पर दांव लगाने के पीछे की वजह ये मानी जा रही है कि इस परिवार को मुस्लिमों के वोट भी मिल सकते हैं.नन्दू लाला ने भी मुस्लिमों के वोट हासिल कर लिए थे.सर्राफ की दुकान चलाने वाले इस परिवार का बहेड़ी के मुस्लिम परिवारों से अच्छा सम्बन्ध है.दूसरी तरफ अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने एलान कर मैदान में ज़ोर आज़माइश कर रहे मुस्लिम प्रत्याशी भी नन्दू लाला के परिवार से बीजेपी के उम्मीदवार आने की चर्चा से काफी हद तक बेचैनी के आलम में हैं.
वैसे तो चुनाव के समय को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं,और कोर्ट के फैसले पर भी बहुत कुछ निर्भर रहने वाला है,लेकिन फिलहाल की स्थिति में चेयरमैनी के चुनाव की चर्चा में नन्दू लाला का परिवार अहम बना हुआ है.