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लखनऊ-सड़कों पर फुटपाथ का सहारा लेकर अपने जीवन को खतरे में डाल रहे लोग।
आपकों बता दें कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सड़कों पर अपना आशियाना समझ कर खुले आसमान में जीवन जी रहे लोगों के बच्चों की जिंदगी खतरे में है।
कब कौन गाड़ी छोटे मासूम बच्चों को रौंदा दे कुछ कहा नहीं जा सकता क्यों कि बच्चे डिवाइडर पर खेल रहे हैं दौड़ रहे हैं बच्चों को रोकने वाला कोई नहीं है।
बच्चों का जीवन लीला समाप्त हो होगा ही साथ जिस गाड़ी के चपेटे में आयेंगे उस ड्राइवर तथा गाड़ी मालिक का भी लंका लग जायेगा।
फिर नेताओं की राजनीति शुरू होगी और एक नया मुद्दा चुनाव प्रचार के लिए मिल जायेगा।
जो तस्वीर आपके मोबाइल स्क्रीन पर दिखाई पड़ रही है ये तस्वीर लखनऊ के हुसैनगंज कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत हुसैनगंज चौराहे का है।
चंद कदमों पर विधानसभा भी है।
सवाल यह है कि क्या इस चौराहे से विधायक सांसद नेता मंत्री अधिकारी नहीं गुजरते य फिर आंखें बंद कर के चले जाते हैं इस लिए की यहां जीवन जीने वाला गरीब परिवार है।
इनके जीने से मरने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।
आवाज जन-जन की अपराध भ्रष्टाचार के खिलाफ।
स्वतंत्र पत्रकार अटल बिहारी शर्मा लखनऊ?