ग्राम सभा सैता मे जलसे के आगाज में दस हाफिजे कुरआन की हुई दस्तारबंदी

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ग्राम सभा सैता मे जलसे के आगाज में दस हाफिजे कुरआन की हुई दस्तारबंदी

उन्नाव से शादाब अली की रिपोर्ट

ग्राम सभा सैता में स्थित मदरसा ताज़विदुल कुरान,मौलाना मुबिसर उनवा उसमान बिन अफ्फान में इतवार की रात जलसा का आयोजन किया गया। जलसे में मदरसा के दस हाफिजे कुरआन की दस्तारबंदी हुई। इसके अलावा कस्बे में दीन के लिए बेहतर कार्य करने वाले लगभग एक दर्जन लोगों को सम्मानित किया गया। जलसे में आए उलेमाओं ने दीनी शिक्षा पर देने पर जोर दिया।

जलसे में मौलाना अफजलूरह्ममान हरदोई के हाथों से सभी हाफिजों व बच्चीयों को दस्तारबंदी कराया गया,वही अपने बच्चों को पहले दीनी शिक्षा दिलाएं। इसके बाद दुनियावी शिक्षा दिलाकर उन्हें डाक्टर व इंजीनियर बनाएं। मौलाना मौलाना अमीनुल हक अबदुल्ला कासमी कानपुरी, ने कहा कि जिसके दिल में कुरआन नहीं उसका दिल वीरान, जिसके सीने में कुछ भी हिस्सा कुरआन का है वह आबाद है। जिसके सीने में पूरी कुरआन है वह नहीं जान सकता कि कितना आबाद है। हाफिजे कुरआन अल्लाह का सबसे सच्चा व पक्का सिपाही है। जलसे का आगाज मदरसे के तलबा के तिलावते कुरआन पाक से हुआ। जलसे में क्षेत्रीय मौलाना सुफियान ने कहा कि ‘जिसकी जुबा पर हर घड़ी नामे रसूल है, वह शख्स ब बकार है और ब वसूल है, दुनिया बहुत हसी है मगर यह भी जान लो दुनिया मेरे रसूल के कदमों की धूल है’ को नातिया अंदाज में अपनी दिलकश आवाज में सुनाकर लोगों बेदार किया।

जलसे में मौलाना अफजलूरह्ममान हरदोई, मौलाना अमिनुल हक अब्दुल्ला कासमी कानपुरी,मौलाना अब्दुल जब्बार,करी जावेद सीतापुरी,मुफ़्ती जुनैद गंज मुरादाबादी,मौलाना मुख्तार आलम,मौलाना सूफियान,हाफिज शकील,आदि मौजूद रहे।

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