लोक गायिका आयोध्या की, लखनऊ में बिखेर रही है आपने गीतो का जादू
संवाददाता राजेश कुमार बी ए न्यूज़ लखनऊ
लखनऊ – महिलाएं आज कंधें से कांधा मिलाकर पुरुषों के साथ हर क्षेत्र में खडी है, क्षेत्र चाहे कोई भी हो, महिलाओं को हमेशा सम्मानजनक भुमिका निभाते देखा जा सकता है।
ऐसे ही एक लोक गायिका हैं वन्दना मिश्रा ।
वन्दना मिश्रा को बचपन से ही गाने का शौक था कब ये शौक जुनून बनकर उनके जीवन का आधार बन गया ये उन्हें पता ही नही चला ।
गाने की ललक देख कर उनके माता पिता ने उन्हे गाने की शिक्षा दीक्षा पंडित अरुण मिश्रा जी से दिलवाने के लिए उनके पास भेजा, पंडित अरुण मिश्रा जी ने इस बालिका के गाने के प्रति लगन को देखते हुऐ सहज भाव से संगीत की शिक्षा दी।
वन्दना मिश्रा को गायिकी विरासत में मिली है। माता पिता भी गायन का शोक रखते थे ।
सीमित संसाधनों के कारण माता पिता का यह शौक अधूरा रह गया।
माता-पिता ने अपना अधूरा सपना पूरा करने के लिए वन्दना मिश्रा को गायिकी का अभ्यास करवाया और देखते ही देखते वन्दना मिश्रा लोक गायिका के रूप में प्रसिद्ध होती चली गई । वन्दना मिश्रा ने कई संस्कृतिक कार्यक्रम किये इस लोक गायिका की सुरीली आवाज लोगों को इतनी भाई की जहाँ भी कोई सांस्कृतिक तथा लोक गायन का कार्यक्रम होता, तो वन्दना मिश्रा को अवश्य बुलाया जाता ।
वन्दना मिश्रा को बेगम अख्तर अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है ।
वन्दना मिश्रा भारत में ही नही ओमान, मलेशिया में भी भारतीय लोकगीतों का परचम लहरा रही है ।
वन्दना मिश्रा ने कहा कि समाज में नारी शक्ति अहम है नारियों का सम्मान करना चाहिए महिलाएं आज स्वाबलंबी हो रही है। क्योंकि जब संसार में बेटियां ही नहीं होगी तो समाज कहां रह जाएगा ।
“बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” एवं “ओ चला साथ साथ सब मतदान करेले ला देश महान करेले ला” इस गाने से लोगों एवं जनता को जागरूक करने का भी संदेश दीया ।