लखनऊ बंथरा थाने में तैनात महिला सब इंस्पेक्टर हसीना खातून को अपने हलके में हो रहा खनन रोकना पढ़ा भारी
सब इंस्पेक्टर हसीना खातून पहले भी इसी थाने में इमानदारी परचम लहरा चुकी है और मिसाल पेश करने वाली हसीना खातून पहले भी इसी थाने में कई ईमानदारी के परचम लहरा चुकी है लेकिन आज हद तो तब हो गई जब बंथरा थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर महिला हसीना खातून अपने हल्के में खनन की सूचना पर पहुंची है जब खनन माफियाओं से उसकी कुछ जानकारी मांगती है तभी योगी जी की मित्र पुलिस का नारा देने वाले एक छोटा सा सिपाही थाना इस्पेक्टर से भी बड़ा साहब बनकर हसीना खातून को थाने से ट्रांसफर कराने की धमकी तक दे देता है वही बात यहां खत्म नहीं होती इस सिपाही कांस्टेबल अवध किशोर फोन करके हसीना खातून को बोलता है उल्टे पैर वहां से चले आओ तुम्हारा टाइम पूरा हो चुका है और तुम्हारा ट्रांसफर भी अभी थाना सरोजिनी नगर में हो चुका है जैसे ही हसीना थाने पहुंचते हैं तभी फिर फोन आता है सिपाही अवध किशोर का जाइए आपको इस्पेक्टर साहब ने तत्काल ऑफिस में बुलाया है जैसे ही हसीना खातून साहब के ऑफिस में दाखिल होती है वैसे एक संवैधानिक कुर्सी पर बैठे स्पेक्टर अजय प्रताप सिंह आपत्तिजनक बातें मर्यादाओं को तार-तार कर कर कहते हैं अब जो तुमको करना है कर लीजिए पर तुमको यहां रहने का कोई अधिकार नहीं महिला रोती हुई बाहर आती है अपने इस्तीफे की गुहार लगा देती है बात यहीं खत्म नहीं होती क्या उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री की पुलिस यही महिलाओं के प्रति संदेश देती रहेगी जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व देश के प्रधानमंत्री का नारा हो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ फिर भी एक संवैधानिक कुर्सी पर कुर्सी पर बैठे रक्षक ही बन बैठे भक्षक और इमानदारी का परचम लहराने वाली हसीना खातून को क्या अब पुलिस की वर्दी उतरानी पड़ेगी क्योंकि जिस तरह से उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया है यह आम जनता तो देखी रही है लेकिन उच्च अधिकारियों के कानों में कब जू रेंगी गी
बता दें कि लखनऊ के बंथरा थाने थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर हसीना खातून ने इंस्पेक्टर अजय प्रताप व सिपाही अवध किशोर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला सब इंस्पेक्टर ने अपने ही थाने में शिकायत दी है कि थाने में तैनात इंस्पेक्टर ने तब हदें पार कर दी जब अपने ऑफिस में बुलाकर उसके साथ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग क्या भारत दंड अपराध में कोई इन महोदय को भी सजा का प्रावधान है या नहीं यहां तक उसके साथ छेड़छाड़ की गई. क्या फिर इसको एक मुस्लिम महिला होने के नाते जो उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने की की बातें की है क्या थाना में इंस्पेक्टर के खिलाफ मुस्लिम महिला एक्ट और भारतीय दंड संहिता लगना चाहिए यहाँ नही
परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस के कुछ अधिकारी और इंस्पेक्टर के कुछ साथी उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं जहा परिजनों में आक्रोश व्याप्त है