(दस माह बाद भी अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं, आखिर क्यों?)
भैरु सिंह राठौड़
BA NEWS NETWORK
भीलवाड़ा (राजस्थान) अगर आपने कैसा भी गुनाह किया है तो आप टोंक पुलिस की कस्टडी में आईए यहाँ सुरक्षा और पूरी तरह से बचने की गारंटी है! जिस तरह से तीन तीन एफआईआर दर्ज होने के बावजूद भी टोंक पुलिस चौथ वसूली के आरोपियों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से बचाने की कोशिश कर रही हैं उससे तो यही बात साबित होती है कि पुलिस का अपराधियों से मिलीभगत और याराना जरा हटके हैं, इस पर उच्च अधिकारी चाहे कितना ही जोर लगा लें कार्यवाई तो स्थानीय पुलिस को ही करनी हैं और स्थानीय पुलिस की गलबाहियाँ किस तरह अपराधियों के साथ जग जाहिर वो किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है! गौरतलब है कि टोंक जेल चौथ वसूली के नामजद असली आरोपी कैदीयों के जेल में होने के बावजूद गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही हैं! इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजेन्द्र सिंह तोमर ने टोंक कलेक्टर एसपी को दिया ज्ञापन दिया है! टोंक जेल में हवालती बंदियों से चौथ वसूली मामले में लगातार तीन तीन एफआईआर दर्ज कराने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के एडवोकेट राजेंद्र सिंह तोमर (राजा भईया) ने टोंक जाकर इस पूरे प्रकरण के असली आरोपी कैदी मेघराज जाट, राम पांडे, राजेश चायवला व उनके अन्य साथियों को केस दर्ज होने के दस ग्यारह महीने बीत जाने के बाद भी गिरफ्तार ना करने पर एक बार फिर कोतवाली पुलिस थाना पुलिस व उसकी जाँच को कटघरे में खड़ा कर दिया हैं और पुलिस ने जाँच पर भी सवालिया निशान लगा दिया हैं! इस बाबत उन्होंने डीजीपी राजस्थान पुलिस को शिकायत करते हुए जिला कलेक्टर टोंक व एसपी के नाम भी ज्ञापन दें कर शिकायतें दर्ज कराई हैं! जिला कलेक्ट्रेट परिसर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए व शिकायत की प्रतियां देते हुए राजा भईया ने राजस्थान संपादक भैरु सिंह राठौड़ को बताया कि बड़ी अजीव बात है कि इस मामले में तीन तीन प्रकरण दर्ज हो चूके हैं और जेल में चौथ वसूली के असली नामजद आरोपी कैदी मेघराज जाट जो वर्तमान में ओपन जेल सांगानेर जयपुर में, राम पांडे विशिष्ट केंद्रीय करागार श्यालावास दौसा में सजा काट रहे हैं और तीसरा आरोपी राजेश चायवाला जमानत पर छूट चूका हैं और इनके साथी जिनके बैक,पेटीएम व फोन पे खातों में चौथ वसूली की रकम जमा कराई गई हैं और विशेषकर तत्कालीन टोंक जेल अधीक्षक, जेलर और डिप्टी जेलर को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है! इससे साफ जाहिर है कि टोंक कोतवाली पुलिस व जाँच अधिकारी जान बूझकर कर दोषियो को बचाने में लगे हुए है और अप्रत्यक्ष रूप से आरोपियों को लाभ पहुँचाने के लिए उनकी मदद कर रहे हैं जबकि एक मुकदमा तो मेरी शिकायत पर इस प्रकरण में खुद जेल आईजी द्वारा जिला कलेक्टर टोंक व एसओजी की जाँच के बाद सभी तथ्यों को प्रमाणिक कर उनकी संतुष्टी पर थाना कोतवाली टोंक में पिछले वर्ष मुकदमा नंबर 130/2021दर्ज कराया गया था, बावजूद इसके पुलिस की जाँच का यह आलम और धीमी चाल खुद ही जाँच को शक के घेरे में ले लेती हैं! एडवोकेट तोमर हाल ही में उनकी शिकायत पर सरकारी दस्तावेजो में फेर बदल करने वाले तत्कालीन थाना कोतवाली टोंक के संबंधित पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध थाना कोतवाली टोंक में ही दर्ज हुए अन्य प्रकारण संख्या 416/21 में बयान दर्ज कराने डिप्टी एसपी टोंक श्री सालेह मोहम्मद के बुलाने पर उनके कार्यालय आए थे!